मानवाधिकार कार्यकर्ता नदीम खान को दिल्ली HC ने इस मामले में दिया प्रोटेक्शन, नहीं हो सकती गिरफ्तारी
Delhi High Court News: दिल्ली हाई कोर्ट ने मानवाधिकार कार्यकर्ता नदीम खान को गिरफ्तारी से संरक्षण दिया है. दिल्ली पुलिस ने दुश्मनी और आपराधिक षड्यंत्र के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी.
Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट ने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ACPR के राष्ट्रीय सचिव नदीम खान को बड़ी राहत देते हुए गिरफ्तारी से संरक्षण दे दिया है. नदीम खान पर दुश्मनी को बढ़ावा देने और आपराधिक साजिश के आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की है. जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने दिल्ली पुलिस को ये भी निर्देश दिया है कि अगर उन्हें नदीम खान की हिरासत की जरूरत होगी तो दिल्ली पुलिस, खान को 7 दिन पहले लिखित में सूचना देगी. इसके अलावा, जस्टिस सिंह ने ये भी निर्देश दिया है कि अदालत की इजाजत के बिना नदीम खान दिल्ली NCR क्षेत्र से बाहर नहीं जाएंगे.
गैर-जमानती वारंट को भी कर दिया रद्द
सुनवाई के दौरान खान की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि नदीम खान जांच में शामिल हो गए हैं और आगे भी शामिल होते रहेंगे. इसके अलावा, हाई कोर्ट ने नदीम खान के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट को भी रद्द कर दिया है.
हाई कोर्ट का खटखटाया था दरवाजा
नदीम खान ने दिल्ली पुलिस की ओर से उनके खिलाफ दर्ज की गई FIR, जिसमें दुश्मनी को बढ़ावा देने और आपराधिक षड्यंत्र के अपराधों का हवाला दिया गया था, उनके उपर लगी गैर-जमानती वारंट को रद्द करने और जांच को रोकने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज की गई FIR के मुताबिक, 'मोदी सरकार में हिंदुस्तान का रिकॉर्ड' के कैप्शन वाला वीडियो 21 नवंबर को 'अकरम ऑफिशियल 50' चैनल द्वारा यूट्यूब पर अपलोड किया गया था. वीडियो में एक प्रदर्शनी में एपीसीआर की ओर स्टॉल लगाया है और नदीम खान, एक बैनर की ओर इशारा कर रहा है.
नदीम खान कथित तौर पर “नदीम, अखलाक, रोहित वेमुला, पहलू खान” के बारे में बात कर रहा था और 2020 के शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन, दिल्ली दंगों का जिक्र कर रहा था, जिससे एक विशेष समुदाय को पीड़ित के रूप में दर्शाया जा रहा था और लोगों को भड़काया जा रहा था.