Delhi News: दिल्ली हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षक के खिलाफ दर्ज FIR की रद्द, बदले में दिया ये अनोखा आदेश
Delhi High Court ने एक सरकारी स्कूल टीचर के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है. लेकिन उसे इस मामले में एक महीने के लिए अपने स्कूल में कमजोर छात्रों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं लेने के लिए कहा है.
Delhi News: दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने एक सरकारी स्कूल के शिक्षक के खिलाफ हवाई अड्डे पर एक जिंदा कारतूस ले जाने के लिए दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया है. लेकिन उसे इस मामले में एक महीने के लिए अपने स्कूल में कमजोर छात्रों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं लेने के लिए कहा. न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने शिक्षा निदेशालय को पास में प्राथमिक कक्षाओं में कमजोर छात्रों की पहचान करने के लिए कहा और संबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य से अतिरिक्त कक्षाओं के लिए एक कमरा उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया जो प्रत्येक कार्य दिवस पर दो घंटे के लिए आयोजित किया जाएगा.
शिक्षक को पढ़ाने का दिया आदेश
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि "आर्म्स एक्ट 1959 की धारा 25 के तहत पुलिस स्टेशन आईजीआई हवाई अड्डे पर दर्ज प्राथमिकी रद्द की जाती है, लेकिन याचिकाकर्ता द्वारा स्कूल परिसर में जिसमें वह पढ़ाता हो, कमजोर छात्रों के लिए प्रत्येक कार्य दिवस में दो घंटे की अतिरिक्त कक्षाएं लेना होगा." अदालत ने कहा कि "इस आदेश की एक प्रति शिक्षा निदेशालय को भेजी जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसके पास में प्राथमिक कक्षाओं में कमजोर छात्रों की पहचान की जाए. स्कूल के प्रधानाचार्य से यह भी अनुरोध किया जाता है कि सभी कोविड प्रोटोकॉल और मानदंडों का पालन करते हुए आवश्यक कार्य करने के लिए एक कक्षा उपलब्ध हो. आईओ और स्कूल के प्रधानाचार्य उक्त तथ्य को सत्यापित करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उपरोक्त कक्षाएं हों.”
अदालत की थी ये दलील
प्राथमिकी को रद्द करने की मांग करते हुए, याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि हवाई अड्डे पर उसके पास से बरामद कारतूस उसे सड़क पर मिला था जब वह वर्ष 2008-2009 में चमोली, उत्तराखंड के एक स्कूल में पढ़ रहा था और तब से उसके पास है और वह अनजाने में उसे एयरपोर्ट ले गया. अदालत ने कहा कि वर्तमान मामला "एफआईआर को रद्द करने के लिए उपयुक्त मामला" है क्योंकि "यह केवल एक निरीक्षण के कारण है कि जीवित गोला बारूद उसके बैग में रह गया था और वह जानबूझकर इसे नहीं ले जा रहा था." अदालत ने हालांकि कहा कि उपयोगी पुलिस समय का नुकसान हुआ इसलिए याचिकाकर्ता को समाज के लिए कुछ अच्छा सामाजिक कार्य करना चाहिए.