Umar Khalid-Sharjeel Imam Case: दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश मामले में हाई कोर्ट में आज (8 जनवरी) को सुनवाई हुई. दंगों के आरोपी उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य की जमानत से जुड़े मुद्दे पर हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से सवाल किया है. हाई कोर्ट ने पुलिस से पूछा है कि क्या सिर्फ धरना का आयोजन करना किसी के खिलाफ UAPA लगाने के लिए पर्याप्त है?
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अगर आरोपी हिंसा में शामिल हैं, तो आप कह सकते हैं कि UAPA लगाना उचित है, लेकिन जब आप किसी व्हाट्सएप ग्रुप जैसी चीज की बात करते हैं और आपका खुद का तर्क है कि वह धरना का आयोजन कर रहे थे, तो क्या यह UAPA लगाने के लिए काफी है?
फंडिंग मामले में दिल्ली पुलिस का दावा
इसके जवाब में दिल्ली पुलिस ने कहा कि यही वजह है कि धरने में शामिल सभी लोगों को आरोपी नहीं बनाया गया है. वहीं, फंडिंग मामले में दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि ताहिर हुसैन ने अपने काले धन को सफेद में बदल लिया. दिल्ली पुलिस ने कहा कि उस भीड़ में बहुत से लोगों की पहचान की गई और उन पर मुकदमा चलाया जा रहा है. यह लोग 'पैदल सैनिक' हैं.
'योजनाबद्ध तरीके से आयोजित किया गया धरना'- पुलिस
वहीं, धरना के बारे में बताते हुए पुलिस ने हाई कोर्ट में कहा कि धरना ऑर्गेनिक नहीं, बल्कि योजनाबद्ध तरीके से आयोजित किया गया था. दिल्ली पुलिस का दावा है कि JCC व्हाट्सएप ग्रुप में एक मैसेज आया था, "शाज़ाद चुप हो जा न भाई, जब सारी योजनाएं यहां लिखोगे तो करोगे क्या?" जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले में कल (9 जनवरी को) भी हाई कोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी.
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