Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट ने राजधानी वासियों को स्वच्छ और स्वास्थ्यकर दूध की आपूर्ति सुनिश्चित कराने की उपराज्यपाल और पुलिस आयुक्त को सलाह देने संबंधी एक जनहित याचिका की सुनवाई से गुरुवार को इनकार कर दिया. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि कोई भी कानून अदालत को उपराज्यपाल को सलाह देने के लिए अधिकृत नहीं करता है.
अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा किस अधिकार क्षेत्र के तहत हाई कोर्ट उपराज्यपाल को सलाह दे सकता है? मैंने संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं देखा है, जो उपराज्यपाल को इस तरह की सलाह देने के लिए हाई कोर्ट को अधिकृत करता हो. खबरों पर भरोसा जताते हुए महिला याचिकाकर्ता ने जोर दिया कि पशु पॉलिथीन खाते हैं और सड़क पर मर रहे हैं.
हम अपनी हद जानते हैं- बेंच
याचिका में कहा गया है कि पशुओं की उपेक्षा किये जाने, उन्हें आवारा छोड़ देने और उनकी दयनीय स्थिति के कारण दिल्ली वासियों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है. इस पर बेंच ने कहा हम रिपोर्ट के आधार पर अपना फैसला नहीं देते हैं. हम अपनी हद जानते हैं. अदालत ने याचिकाकर्ता पर भारी जुर्माना लगाने के संकेत दिये, जिसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली.
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