Delhi High Court On Chhath Puja: दिल्ली हाई कोर्ट में बुधवार (6 नवंबर 2024) को छठ पूजा  के मसले पर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने यमुना के किनारे छठ पूजा करने को लेकर याची का पक्ष जानने के बाद पूजा करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया. 


दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि यमुना की हालत ऐसी नहीं है कि उसके अंदर जाकर पूजा की जाए. हाई कोर्ट ने ये भी कहा कि बीते दिनों एक व्यक्ति ने यमुना में डुबकी लगाई थी, जिसके बाद उसे दो दिन अस्पताल में ICU में भर्ती होना पड़ा था. ऐसे हालात में पूजा की इजाजत देना उचित नहीं होगा.


2023 में यमुना किनारे नहीं हुई थी पूजा 


दिल्ली के यमुना किनारे हमेशा से पूर्वांचल समाज के लोग छठ पूजा करते आए हैं, लेकिन पानी में बड़े पैमाने पर प्रदूषण की वजह से साल 2023 में भी छठी मैया के भक्त यमुना के किनारे पूजा नहीं कर पाए थे. पिछले साल भी यमुना नदी के तट पर छठ पूजा की अनुमति देने से हाई कोर्ट ने मना कर दिया था. 


एक साल पहले जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा था कि यह प्रतिबंध यमुना में प्रदूषण को रोकने के लिए है. अदालत के रुख को देखते हुए याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस लेने का अदालत से अनुरोध किया था. याची छठ पूजा संघर्ष समिति और पूर्वांचल जागृति मंच ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के 29 अक्टूबर 2021 के आदेश को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की थी.


दिल्ली हाई कोर्ट से इजाजत नहीं मिलने के बाद दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने यमुना के तट पर छठ पूजा मनाने पर प्रतिबंध लगा दिया था. बता दें कि छठ पूजा पूर्वांचल सहित देश भर के लोगों के लिए आस्था का पर्व है. यह एक ऐसा पर्व है, जिसमें सूर्योदय और सूर्यास्त दोनों समय भगवान सूर्य को अर्घ दिया जाता है. यह पर्व सभी के कल्याण के मकसद से मनाया जाता है. 


1000 स्थानों पर छठ पूजा की व्यवस्था- दिल्ली सरकार 


इससे पहले हाई कोर्ट में दिल्ली सरकार ने कहा कि छठ पूजा के लिए पर्याप्त इंतजाम  किया गया है. दिल्ली सरकार ने कहा कि पूरी दिल्ली में करीब हजार जगहों पर छठ पूजा करने की व्यवस्था की गई है, जिसमें से कुछ नदी के घाट के पास ही है. जहां प्रदूषण का स्तर कम है. दिल्ली सरकार ने माना कि यमुना में प्रदूषण बहुत है. किसी को भी उसमें जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. 


याची की इस मांग पर हाई कोर्ट ने दिया ये जवाब 


याचिकाकर्ता ने कहा कि मान्यताओं के अनुसार छठ पूजा नदी के बहते पानी में की जाती है, टब या किसी स्विमिंग पूल में पूजा नहीं कि जाती है. याचिकाकर्ता ने कहा कि हथनीकुंड बैराज से पानी जारी किया जाए. ताकि पानी साफ हो सके. 


दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि हम एक दिन में यमुना साफ नहीं कर सकते हैं. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आपको यमुना के पानी की स्थिति के बारे में पता है. फिर भी आप पूजा के लिए यमुना के पानी में जाने की मांग कर रहे हैं. 


याचिकाकर्ता ने HC से कहा कि कम से कम यमुना की सफाई करने के लिए निर्देश जारी कर दें. क्योंकि छठ पूजा के बहाने कम से कम यमुना के घाटों की सफाई हो जाती थी.जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा आप यमुना की सफाई चाहते हैं तो आप यमुना की सफाई को लेकर याचिका दाखिल करें. हम उसपर सुनवाई करेंगे. अगर आप खुद यमुना के घाट को साफ करना चाहते हैं तो साफ करिए.


याचिकाकर्ता ने कहा कि छठ पूजा 7 नवंबर को होनी है, यह चार दिन तक चलने वाला त्योहार है, 2019 में कोरोना के दौरान घाट पर पूजा करने पर बैन लगाया गया था, उसके बाद फिर अब घाट पर पूजा करने पर रोक लगाई गई है.


दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि इस बात पर किसी को कोई विवाद ही नहीं है कि यमुना में प्रदूषण नहीं है, अगर कोई यमुना में गया तो उसकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है.


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