Delhi High Court Rejected FIR Women: दिल्ली उच्च न्यायालय ने उस महिला के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द कर दी है, जिसके बैग से हवाई अड्डे पर एक कारतूस मिला था. अदालत ने कहा कि केरल की महिला यह साबित करने में सफल रही है कि उसे कारतूस रखने की जानकारी नहीं थी. न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने कहा, ‘‘उसने ऑन रिकॉर्ड यह भी कहा है कि कारतूस उसका नहीं था. इसके अलावा, याचिकाकर्ता अपने भाई के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जा रही थी और वह परेशान थी.’’


उच्च न्यायालय ने जनवरी 2020 में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पुलिस थाने में शस्त्र अधिनियम के तहत दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए सहमति व्यक्त की. हालांकि महिला को चार सप्ताह के भीतर दिल्ली उच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति को 25,000 रुपये का भुगतान करना होगा. महिला के वकील ने कहा कि वह एक गृहिणी है और अपने भाई के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कोलकाता जाने के लिए दिल्ली आई थी.


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जब वह दो जनवरी, 2020 को उड़ान की प्रतीक्षा कर रही थी तो उसे हिरासत में ले लिया गया और उसके सामान में एक कारतूस मिला. कारतूस मिलने के बाद उसके खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. महिला ने इस आधार पर प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था कि उसे कारतूस के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और यह उसका नहीं है. बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है कि हवाई अड्डे पर किसी यात्री के बैग से जिंदा कारतूस मिले हों, इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं.


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