Asha Kiran Shelter Home: दिल्ली HC ने AAP सरकार को लगाई फटकार, दिल्ली पुलिस से पूछे कड़वे सवाल
Asha Kiran Shelter Home Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस से कहा जब आप 8 महीने बाद एफआईआर दर्ज करेंगे तो क्या सबूत मिलेंगे? 8 महीने बाद तो खून के धब्बे भी नहीं मिलेंगे?
Asha Kiran Shelter Home Delhi: दिल्ली हाई कोर्ट में मंगलवार को आशा किरण शेल्टर होम डेथ केस के बाद वहां से अतिरिक्त लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के मसले पर सुनवाई हुई. अदालत ने इस दौरान शेल्टर होम में क्षमता से ज्यादा रह रहे व्यक्ति को दूसरी जगह शिफ्ट करने का आदेश दिया था, लेकिन अभी तक इस पर अमल नहीं हुआ. इस बात को लेकर वित्त विभाग के एडिशनल मुख्य सचिव को अदालत ने फटकार भी लगाई.
दरअसल, आशा किरण होम में क्षमता से काफी ज्यादा संख्या में लोगों का रखा गया है. ऐसे में पिछले साल कई की मौत होने का मामला सामने आने के बाद अदालत इस मसले पर गंभीर चिंता जाहिर की थी.
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर अतिरिक्त लोगों को वहां से कहीं और शिफ्ट करने के लिए एमसीडी ने एक इमारत को चिन्हित किया था. ताकि शेल्टर होम में रह रहे अतिरिक्त लोगों को वहां पर शिफ्ट किया जा सके.
MCD से आपने क्यों नहीं पूछे सवाल?
दिल्ली सरकार के सोशल वेलफेयर विभाग की तरफ से इसके लिए एमसीडी को धन आवंटित किया जाना था, लेकिन पैसा आवंटित करने में विफलता के लिए कोर्ट ने फंड न जारी करने पर दिल्ली सरकार के वित्त विभाग के एडिशनल मुख्य सचिव को तलब किया था. इस लापरवाही के लिए अदालत ने उन्हें लापरवाही बरतने को लेकर चेतावनी जारी की.
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि आप इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. 14 लोगों की मौत हो चुकी है. आपको एमसीडी अधिकारी को बुलाकर सवाल पूछने चाहिए थे. फिलहाल, वित्त विभाग के एडिशनल मुख्य सचिव ने हाई कोर्ट को आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई करेंगे.
सचिव को अगली तारीख पर किया तलब
दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आदेश का पालन न करने पर अधिकारियों के बीच खराब तालमेल पर भी नाराजगी जताई. इसके अलावा, कोर्ट ने सोशल वेलफेयर विभाग के सचिव को भी अगली सुनवाई की तारीख पर उपस्थित रहने का निर्देश भी दिया.
अब तो खून के धब्बे भी नहीं मिलेंगे
दिल्ली हाई कोर्ट ने आशा किरण शेल्टर होम में कई लोगों की मौत के मामले में भी देरी से FIR दर्ज करने को लेकर पुलिस के कामकाज पर भी सवाल उठाया. दिल्ली पुलिस से 8 महीने बाद एफआईआर दर्ज करने पर नाराजगी जताई. हाई कोर्ट ने कहा कि 8 महीने बाद आपको क्या सबूत मिलेंगे? 8 महीने बाद तो खून के धब्बे भी नहीं मिलेंगे?
अगली सुनवाई 13 दिसंबर को
इस मसले पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने हाई कोर्ट को बताया कि अगली सुनवाई की तारीख तक इस मामले को लेकर एक रिपोर्ट भी दाखिल की जाएगी. इसके बाद हाइ कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर तक के लिए टाल दिया.
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