Delhi: दिल्ली HC ने कहा- पतंग के मांझे के धागे को धारदार बनाने के लिए नहीं कर सकते बदलाव
Delhi News: पतंग के मांझे से होनी वाली घटनाओं पर दिल्ली हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि पतंग उड़ा रहा व्यक्ति मांझे के धागे को धारदार बनाने के लिए उसमें बदलाव नहीं कर सकता.
Delhi HC on Manjha Row: दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने धारदार मांझे (Manjha) के चलते लोगों की जान जाने और घायल होने की दुखद घटनाओं को देखते हुए एक टिप्पणी की. इसमें दिल्ली हाई कोर्ट की तरफ से कहा गया कि पतंग (Kites) उड़ा रहा कोई व्यक्ति अपने प्रतिस्पधिर्यों की पतंग काटने के उद्देश्य से मांझे के धागे को धारदार बनाने के लिए उसमें बदलाव नहीं कर सकता. अदालत ने इस बात का जिक्र किया कि दिल्ली सरकार ने मांझे के तौर पर इस्तेमाल के लिए सिर्फ सूत के धागे की अनुमति दी है, जिस पर शीशा का लेप नहीं चढ़ाया गया हो.
हाई कोर्ट ने यह आदेश पंतग उड़ाने की सामग्री की बिक्री, खरीद और भंडारण करने वालों के एक संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया. इस याचिका में साल 2017 में जारी एक अधिसूचना को चुनौती दी गई थी. अधिसूचना के मुताबिक, ‘‘पंतग उड़ाने की अनुमति केवल सूत के धागे से होगी, जो कोई धारदार चीज/धातु/शीशा/गोंद/धागे को मजबूत करने वाले पदार्थों से आदि से मुक्त होगा.’’ पंतग उड़ाने में इस्तेमाल किये जाने वाले धागे ‘सद्दी’ और ‘माझा’ का निर्माण पारंपरिक रूप से छोटे शहरों में सूत के धागे से किया जाता है.
सूत के धागे से उड़ाएं पतंग
न्यायमूर्ति विभू बाखरू और न्यायमूर्ति अमित महाजन की पीठ ने कहा कि जहां तक निर्देश के बारे में याचिकाकर्ता की शिकायत है, यह गोंद और धागे को मजबूत करने वाली सामग्री के उपयोग को निषिद्ध करता है और यह मांझे के विनिर्माताओं या डीलर पर लागू नहीं होता, बल्कि यह पतंग उड़ाने वाले व्यक्ति को निर्देशित है. दिल्ली सरकार ने भी स्पष्ट किया है कि पतंग उड़ाने की अनुमति सिर्फ सूत के धागे से होगी, जो धारदार चीज/धातु/शीशा/गोंद/धागे को मजबूत करने वाले पदार्थों आदि से मुक्त होगा.
पतंग काटने के उद्देश्य से धागे को धारदार न बनाएं
अदालत ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट रूप से सुनिश्चित करता है कि पतंग उड़ा रहा व्यक्ति ऐसे धागे का इस्तेमाल करे, जो कोई चोट नहीं पहुंचा सके. यह उन्हें पतंग उड़ाने के धागे को किसी धातु या शीशा और गोंद आदि से धारदार बनाने से निषिद्ध करता है.’’ पीठ ने कहा, ‘‘पतंग उड़ा रहा व्यक्ति अपने प्रतिस्पर्धियों की पतंग काटने के उद्देश्य से धागे को धारदार बनाने के लिए उसमें बदलाव नहीं कर सकता.’’ याचिकाकर्ता संघ ने कहा कि उसे निर्देश से कोई शिकायत नहीं है. इस पर अदालत ने कहा कि इस याचिका पर और कोई आदेश जारी करने की जरूरत नहीं है.
Delhi Breaking News: सिविक सेंटर की 28वीं मंजिल से कूदकर युवक ने की आत्महत्या, अभी नहीं हुई है पहचान