फॉरेंसिक रिपोर्ट के लिए 'अनंतकाल' तक इंतजार नहीं कर सकते, दंगे से जुड़े मामले पर HC की टिप्पणी
Delhi High Court: मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस अनुप जयराम भंभानी ने कहा कि गुजरात में चल रही पूरी फॉरेंसिक जांच पर रोक लगानी होगी. इसके लिए अंतहीन इंतजार नहीं किया जा सकता.
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Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट ने 2020 में राष्ट्रीय राजधानी के उत्तर पूर्वी हिस्से में दंगे के दौरान एक व्यक्ति को कथित राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर करने और उसकी हत्या के मामले की सुनवाई की. गुरुवार (7 मार्च) करते को कोर्ट ने कहा कि वह मामले में फॉरेंसिक रिपोर्ट के लिए ‘अनंतकाल’ तक इंतजार नहीं कर सकता.
अदालत ने इसी के साथ निष्पक्ष जांच का अनुरोध करने वाली याचिका की सुनवाई चेंबर में करने के लिए तीन अप्रैल की तारीख तय कर दी. मृतक की मां किसमातुन ने 2020 में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर 23 वर्षीय बेटे की हत्या मामले की जांच अदालत की निगरानी में विशेष जांच टीम (एसआईटी) से कराने की गुहार लगाई है. घटना के वायरल कथित वीडियो में पुलिस फैजान की पिटाई करती हुई और राष्ट्रगान एवं ‘वंदे मातरम’ गाने के लिए मजबूर करती दिख रही है.
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दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि वीडियो फुटेज की गुजरात स्थित फॉरेंसिक जांच अबतक नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी द्वारा विश्लेषण किया गया है जिसने अब ‘संदर्भ’ के लिए उसकी 'हार्ड डिस्क' मांगी है.
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अदालत की निगरानी में जांच की याचिका में रिपोर्ट मुख्य मुद्दा नहीं है. न्यायमूर्ति अनुप जयराम भंभानी ने कहा,‘‘मुझे गुजरात में चल रही पूरी फॉरेंसिक जांच पर रोक लगानी होगी. मैं इसके लिए अंतहीन इंतजार नहीं कर सकता.’’
उन्होंने कहा, ‘‘वे आगे बढ़ेंगे. मैं फॉरेंसिक रिपोर्ट पर कोई विचार नहीं करूंगा. यह (विश्लेषण) कुछ उचित समय के भीतर होना चाहिए. यह कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया नहीं हो सकती. प्रक्रिया समाप्त होनी चाहिए.’’
अदालत ने टिप्पणी की है कि विश्लेषण लगभग 10 महीने से लंबित था - पहले दिल्ली में और अब गुजरात में. पीठ ने सवाल किया कि ‘संदर्भ’ के लिए नई हार्ड डिस्क उपलब्ध कराने से प्रक्रिया में कैसे सुविधा होगी जब कि पूर्व में जांच के लिए भेजे गए डीवीआर से डेटा निकालने में असफलता मिली थी.
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