Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज (Bansuri Swaraj) को नोटिस जारी किया है. यह नोटिस उन्हें आम आदमी पार्टी (AAP) नेता सोमनाथ भारती (Somnath Bharti) की याचिका पर भेजा गया है जिन्होंने उनके निर्वाचन को चुनौती दी है. नई दिल्ली सीट पर बांसुरी और सोमनाथ भारती आमने-सामने थे. 


लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक सोमनाथ ने बांसुरी पर भ्रष्ट आचरण के साथ चुनाव जीतने के आरोप लगाए हैं. उधर, जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने बांसुरी को इस संबंध में जवाब देने को कहा है. उन्हें 30 दिन के भीतर जवाब देना पड़ेगा. अपनी याचिका में सोमनाथ भारती ने आरोप लगाए हैं कि वह यह देखकर हैरान थे कि बांसुरी के बूथ एजेंट उनके बैलट नंबर, फोटो, चुनावी सिंबल और पीएम मोदी के फोटो वाला पैम्फ्लेट लहरा रहे थे और वे वोटर को भी दिखा रहे थे और वोट करने कह रहे थे. जो कि भ्रष्ट आचऱण के दायरे में आता है. 


बसपा प्रत्याशी का भी याचिका में जिक्र
सोमनाथ ने यह याचिका में यह भी कहा था कि बसपा प्रत्याशी राज कुमार आनंद को बीजेपी ने बांसुरी की मदद के लिए इस सीट से खड़ा करवाया था. सोमनाथ ने आरोप लगाए थे कि आनंद को इसलिए खड़ा किया गया ताकि वोट बंट जाए जो कि मेरे पक्ष में जा सकते थे. सोमनाथ ने कहा कि आनंद आप के मंत्री थे और अचानक ही इस्तीफा दे दिया था. 


कोर्ट ने कहा कि वह सोमनाथ के दावे को नहीं मान सकते क्योंकि आनंद के पक्ष में केवल 5269 वोट ही पड़े हैं. जस्टिस अरोड़ा ने यह भी कहा कि अगर वह वोट सोमनाथ के पक्ष में चले भी जाते तो भी वह बांसुरी स्वराज से हार जाते.


निर्वाचन आयोग ने पक्षकार बनाने का किया विरोध
इस दौरान कोर्ट में निर्वाचन अधिकारी भी मौजूद थे. जिन्होंने कहा कि उन्हें पक्षकार नहीं बनाया जाना चाहिए क्योंकि जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 82 के तहत वह इसमें प्रतिवादी नहीं हैं. हालांकि सोमनाथ भारती के वकील के सी मित्तल ने कहा कि रिक़ॉर्ड को संरक्षित रखने के लिए निर्वाचन अधिकारी की मौजूदगी जरूरी हो  सकती है.


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