Delhi: दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल की याचिका के जवाब में बीजेपी नेता हरीश खुराना को नोटिस जारी किया है. सुनीता केजरीवाल ने दो अलग-अलग मतदाता सूचियों में कथित पंजीकरण के संबंध में निचली अदालत के समन को चुनौती दिल्ली हाई कोर्ट में दी है. दिल्ली हाई कोर्ट ने हरीश खुराना के बार-बार अनुपस्थित रहने पर भी चिंता व्यक्त की. जस्टिस चंद्र धारी सिंह की बेंच ने कहा कि अगर हरीश खुराना सुनवाई की अगली तारीख पर पेश नहीं हुए तो मामले की सुनवाई उनके बिना ही की जाएगी.


हरीश खुराना की शिकायत पर समन भेजा गया था
सुनीता केजरीवाल को निचली अदालत ने हरीश खुराना की शिकायत पर समन भेजा था. हरीश खुराना ने सुनीता केजरीवाल पर यूपी के साहिबाबाद और दिल्ली के चांदनी चौक की वोटर लिस्ट में एक साथ अपना नाम दर्ज कराकर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था.


उन्होंने दावा किया कि सुनीता केजरीवाल को अधिनियम की धारा 31 के तहत अपराधों के लिए दंडित किया जाना चाहिए. इस अपराध के लिए दो साल की अधिकतम कैद का प्रावधान है. इसपर सुनीता केजरीवाल के वकील ने कोर्ट में कहा कि जब सुनीता केजरीवाल ने अपना घर बदला, तो उन्होंने अधिकारियों को एक सूचित कर दिया था. इसके बाद उनका नाम पिछली मतदाता सूची से हटाना अधिकारियों का काम था और इसके लिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता. 


10 दिसंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई 
दिल्ली हाई कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी और हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश, जिसके तहत उसने सुनीता केजरीवाल को तलब करने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाई थी, वह जारी रहेगा. 


वहीं दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह ने कहा कि शिकायतकर्ता खुराना, जिनकी शिकायत पर केजरीवाल को नोटिस भेजा गया था. नोटिस भेजे जाने के बाद भी वे कई मौकों पर कोर्ट में पेश नहीं हुए. पिछले चार मौकों पर नोटिस के बावजूद उनकी तरफ से कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया. ऐसे में न्याय हित में प्रतिवादी संख्या-2 को कोर्ट का नोटिस जारी किया जाना चाहिए.अगर वे नोटिस भेजे जाने के बाद भी अगली सुनवाई में उपस्थित नहीं होते तो मामले को आगे बढ़ाया जाएगा. फिलहाल 10 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी.


यह भी पढ़ें: 'मुझे अल्लाह की कुदरत और इनायत पर...', बुलडोजर एक्शन पर SC के आदेश को लेकर क्या बोले अरशद मदनी?