CAG रिपोर्ट्स मामले को लेकर HC में हुई सुनवाई, 16 जनवरी को दिल्ली सरकार रखेगी दलील
Delhi Politics: दिल्ली हाई कोर्ट में सोमवार को CAG रिपोर्ट्स को दिल्ली विधानसभा में पेश करने के मामले पर सुनवाई हुई. बीजेपी विधायकों ने इस मामले में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.
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DelhI High Court On CAG Reports: दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार के कामकाज से संबंधित CAG रिपोर्ट्स को दिल्ली विधानसभा में पेश करने के मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार की आलोचना की. दिल्ली हाई कोर्ट ने CAG रिपोर्ट पर कार्रवाई में हुई देरी के लिए कहा, ''इस मामले में आपने अपने पैर कैसे खींचे लिए. इससे आपके ईमानदारी के बारे में संदेह पैदा होता है''.
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के इस रवैए को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और दिल्ली सरकार से कहा कि CAG रिपोर्टों को तुरंत स्पीकर को भेजा जाना चाहिए था और इसपर विधानसभा में चर्चा शुरू करनी चाहिए थी. लेकिन चर्चा से बचने के लिए ही अपने CAG रिपोर्ट्स के मामले में अपने पैर खींच लिए हैं.
जस्टिस सचिन दत्ता ने पूछा कि क्या हाई कोर्ट विधानसभा के स्पीकर को आदेश दे सकता है कि वो विधानसभा की विशेष बैठक बुलाएं? वो भी तब जब दिल्ली में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है.
बीजेपी विधायकों की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि 4 दिसंबर 2023 को दिल्ली विधानसभा को साइन डाई स्थगित कर दिया गया था लेकिन इससे सेशन नहीं खत्म हुआ था क्योंकि दिल्ली विधानसभा के सत्र पर विराम नहीं लगाई थी.
आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंदर गुप्ता समेत तमाम बीजेपी विधायकों ने पिछले साल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें मांग की है कि दिल्ली सरकार के कामकाज से संबंधित CAG रिपोर्ट्स विधानसभा के पटल पर रखी जाए ताकि उसपर चर्चा की जा सके.
बीजेपी विधायकों की ओर से पेश वकील महेश जेठमलानी ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान बीजेपी विधायकों की ओर से पेश वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि सितंबर 2024 तक दिल्ली सरकार के पास 12 CAG रिपोर्ट भेजी जा चुकी थी. अब उन्हें विधानसभा के पटल पर रखने की जिम्मेदारी सरकार की है. इन रिपोर्ट्स को विधानसभा के पटल पर रखना सरकार का संवैधानिक दायित्व है.
बीजेपी विधायक की ओर से पेश वकील ने कहा कि दिल्ली विधानसभा अभी भी सेशन में है और हमारी सिर्फ ये मांग है कि विधानसभा की विशेष बैठक बुलाई जाए. उन्होंने देश की अन्य हाई कोर्ट के आदेशों की मिसाल देते हुए कहा कि हाई कोर्ट, स्पीकर को विशेष सत्र बुलाने का निर्देश दे सकता है.
कब होगी अगली सुनवाई?
हालांकि दिल्ली सरकार के वकील ने आज सुबह हाई कोर्ट की ओर से 'दिल्ली सरकार के पैर खींचे जाने' वाली बात का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले का पूरी तरह से राजनीतीकरण किया जा रहा है. दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने याचिका को भी राजनीति से प्रेरित बताया. उन्होंने कहा चुनाव के बीच कि अदालत का इस्तेमाल राजनीति के लिए किया जा रहा है.
दिल्ली हाई कोर्ट में इस मामले में आज बीजेपी विधायकों की ओर से पेश वकील ने दलील पूरी कर ली है. दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार की दलील देने के लिए 16 जनवरी को दोपहर ढाई बजे मामले को सूचीबद्ध करने के लिए कहा है.
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