Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी के कालकाली मंदिर परिसर में 27 और 28 जनवरी की दरमियानी रात जागरण के दौरान हुई 'दुर्भाग्यपूर्ण घटना' को दिल्ली हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. हाईकोर्ट ने कालकाजी मंदिर में बिना इजाजत के जागरण या इस तरह का कार्यक्रम आयोजित नहीं करने का आदेश जारी किया. बता दें कि मंदिर परिसर में जागरण के दौरान मंच टूटने से 45 वर्षीय एक महिला की मौत हुई थी. 


दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने कहा कि मंदिर का पूर्ण प्रबंधन और नियंत्रण उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासक के अधीन है और इसका परिसर जनता के उपयोग के लिए है. कोई भी व्यक्ति या संस्था इसके किसी भी हिस्से पर विशेष नियंत्रण नहीं रख सकती है.


अदालत से लेनी पड़ेगी इजाजत


जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने अपने हालिया आदेश में कहा, ''कालकाजी मंदिर में किसी प्रकार का कोई जागरण नहीं किया जाएगा या फिर इस तरह के किसी अन्य आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी. अगर कोई संगठन जागरण या इस तरह का धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करना चाहता है तो उसे अर्जी के जरिये अदालत से अनुमति मांगनी होगी.''


ऐसी घटनाओं के लिए प्रशासक होंगे जिम्मेदार


हाईकोर्ट ने अपने फैसले में आगे कहा, '' इस तरह के कार्यक्रमों के लिए एक प्रशासक को नियुक्त किया गया है और उन्हें पूर्ण प्रबंधन व नियंत्रण सौंपा गया है. मंदिर में किसी भी कार्यक्रम के आयोजन के लिए अनुमति की आवश्यकता होगी. इसके बिना, मंदिर परिसर के भीतर कोई भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा.''


एक महिला की हुई थी मौत


दालत ने अपने आदेश में 27 और 28 जनवरी की दरमियानी रात के दौरान जागरण में हुई 'दुर्भाग्यपूर्ण घटना' पर संज्ञान लेते हुए जांच के संबंध में जल्द से जल्द एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा. दरअसल, कालकाजी मंदिर के महंत परिसर में आयोजित 'जागरण' के दौरान 45 वर्षीय महिला की मौत हो गई थी और 17 अन्य घायल हुए थे. इस कार्यक्रम में लगभग 1,600 लोग शामिल हुए थे.


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