Delhi News: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के पिछले साल आए उस आदेश के अमल पर रोक लगा दिया है जिसमें कहा गया था कि कुत्तों को उनके रहने की जगह से नहीं हटाया जा सकता. हाईकोर्ट ने कहा था कि सामुदायिक कुत्तों को खाने का अधिकार है और नागरिकों को उन्हें खिलाने का अधिकार है. शीर्ष अदालत ने इस मामले पर एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. 


हाईकोर्ट ने क्या कहा था
पिछले साल जुलाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि कुत्ते एक सामुदायिक जीव हैं. उन्हें उसी तरह से देखा जाना चाहिए. जो लोग उन्हें खाना खिलाना चाहते हैं, उन्हें नहीं रोका जा सकता. कोर्ट ने कहा था कि इसमें सावधानी बरतनी चाहिए और इससे दूसरों को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए. इससे दूसरों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए. एनिमल वेलफेयर बोर्ड और हर इलाके के आरडब्ल्यूए को ऐसी जगह निर्धारित करनी चाहिए, जहां लोग कुत्तों को खाना दे सकें. कोर्ट ने इस आदेश में यह भी कहा था कि कुत्तों को उनके इलाके से नहीं हटाना चाहिए. 


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इन्हें जारी हुआ नोटिस
एनजीओ ने कहा था कि दिल्ली हाई कोर्ट ने जो आदेश दिया है, वह नागरिकों के हितों का ध्यान नहीं रखता है. इस आदेश के चलते खतरनाक कुत्तों को भी हटा पाना मुश्किल हो गया है. जस्टिस विनीत सरन और अनिरुद्ध बोस की बेंच ने मामले में दिल्ली सरकार, एनिमल वेलफेयर बोर्ड और दिल्ली हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता रहे लोगों को नोटिस जारी कर दिया. 


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