Delhi News: अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज (Chakrapani Maharaj) ने मौलाना अरशद मदनी के बयान पर पलटवार किया हैं. दरअसल, मौलाना अरशद मदनी (Maulana Arshad Madani) ने मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) को लेकर कहा कि 'हमारे मजहब में दखल क्यों दिया जाता है. हमारा सबसे पहला नबी मनु यानी आदम है.' वहीं अब इस पर स्वामी चक्रपाणि महाराज ने पलटवार करते हुए कहा कि, 'मौलाना मदनी ने कहा मनु जी को मानते हैं तो मनु तो सनातन धर्मी थे जिनको भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप धारण कर बचाया था. इसलिए मौलाना मदनी भी सनातनी हिंदू हुए. अब आपको आवश्यकता है राष्ट्रभक्ति दिखाने का, वंदे मातरम बोलने का, भारत माता की जय बोलने का क्योंकि हिंदू सनातन धर्म राष्ट्रभक्त होते हैं. वह जहर घोलना बंद करें.'
'राम और शिव से पहले किसे पूजते थे मनु'?
दरअसल, दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि जब न श्री राम थे और न शिव थे तो मनु किसको पूजते थे? कोई कहता जैन शिव को पूजते थे. बहुत ने कहा ओम को पूजते थे. हवा को पूजते थे, जो हर जगह थे. इसी को तो हम अल्लाह कहते हैं. मनु यानी आदम है. ये दुनिया का इतिहास है. हर जगह की मिट्टी लेकर अल्लाह ने आदम यानी मनु की औलाद को बनाया. सबसे पहले ला इलाहा इल्लाह लल्ला की आवाज भारत की धरती पर उतरी.
'दिल कबूल नहीं करता तो इस्लाम उसका नहीं'
बता दें कि, दिल्ली में चल रहा जमीयत उलेमा ए हिंद का अधिवेशन लगातार विवादों में है. बीते दिन भी महमूद मदनी ने भी कार्यक्रम के दौरान विवादित बयान जारी किया था. उन्होंने बड़ा दावा करते हुए कहा था कि इस्लाम दुनिया का सबसे पुराना धर्म है और इस्लाम की पैदाइश भारत में हुई है. उन्होंने (हिंदू) समझा मस्जिदों को तोड़कर इस्लाम खत्म हो जाएगा तो ऐसा नहीं है. अगर दिल कबूल नहीं करता तो इस्लाम उसका नहीं हो सकता. हम हिंदू के साथ भाई-भाई की तरह रहते हैं.
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