Delhi Gol Market: दिल्ली की मशहूर और ऐतिहासिक गोल मार्केट (Gol Market) अब नए अवतार में लोगों को नजर आएगा. अंग्रेजों के जमाने के इस प्रसिद्ध शॉपिंग सेंटर को अब संग्रहालय में तब्दील किया जा रहा है. इसके लिए गोल मार्केट समेत आसपास के क्षेत्र को भी नया रूप देने का प्रस्ताव पारित किया गया है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना (LG VK Saxena) ने इस ऐतिहासिक मार्केट को संग्रहालय बनाये जाने की मंजूरी देने के साथ ही इसकी थीम का भी निर्णय लिया है. इस संग्रहालय को दिल्ली और देश का मान बढ़ाने वाली महिलाओं की थीम पर बनाया जाएगा.


भारत की महिला थीम पर बनाया जाएगा संग्रहालय
इस संग्रहालय को उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी, मदर टेरेसा, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला, भारत की पहली महिला आईपीएस किरण बेदी, दिवंगत केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज, मुक्केबाज मैरीकॉम समेत अन्य महिलाओं को समर्पित किया जाएगा. संग्रहालय में इन प्रेरक महिलाओं के जीवन और प्रमुख घटनाक्रमों को समाहित किया जाएगा.


डेढ़ दशक से भी ज्यादा समय से परियोजना थी लंबित
यह परियोजना वर्ष 2006 से से लंबित थी. पहले इसे कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले तैयार करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन विभिन्न कारणों से यह कार्य पूरा नहीं हो पाया. उपराज्यपाल वीके सक्सेना के हस्तक्षेप के बाद इस संग्रहालय का काम तेजी से बढ़ा है. उन्होंने कार्यभार संभालने के कुछ दिन के भीतर ही इस प्रस्तावित संग्रहालय का निरीक्षण किया था. इसके बाद केंद्रीय विदेश मंत्री मीनाक्षी लेखी के साथ ही बैठक में इससे संबंधित थीम पर विचार किया गया था.


आसपास के इलाके का भी होगा सौंदर्यीकरण
एनडीएमसी का उद्देश्य वर्तमान ढांचे को तोड़कर नहीं, बल्कि इसी का जीर्णोद्धार किया जाना है. एनडीएमसी के अनुसार, इस संग्रहालय में प्रवेश के लिए विभिन्न मार्गों से भूमिगत मार्ग और लिफ्ट होगा. इसमें प्रतीक चिन्हों की बिक्री के साथ खाने-पीने को व्यवस्था भी होगी. इसके लिए रेस्तरां भी बनाए जाएंगे. यह संग्रहालय आधुनिक तकनीक से युक्त होगा. एनडीएमसी के अनुसार, यह संग्रहालय काफी आकर्षक होगा, साथ ही इसके आसपास के इलाके का भी सौंदर्यीकरण किया जाएगा. यहां आने वाले लोगों के लिए पार्किंग समेत सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएंगी, जिससे लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े. इस परियोजना के तहत संग्रहालय के मुख्य भवन में शीशे से गुंबद जैसी संरचना निर्माण, फॉल्स सीलिंग, पहली मंजिल पर इंसुलेटेड छत की संरचना, पूरी तरह से वातानुकूलित सर्विस टनल और लिफ्ट आदि बनाने का प्रस्ताव है. इस योजना पर 21 करोड़ रुपये खर्च आएगा और साल भर के अंदर इससे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.


सौ साल से पुराना है गोल मार्केट का इतिहास
गोल मार्केट का इतिहास 100 साल से ज्यादा पुरानी है और अपने आप में तमाम इतिहास समेटे हुए है. वर्ष 1921 में एडवर्ड लुटियंस ने गोल मार्केट को डिजाइन किया गया था. उस समय इसके आसपास तमाम सरकारी कर्मचारी निवास करते थे. इसमें अंग्रेज अधिकारी भी शामिल थे. इस बाजार का निर्माण उन्हीं के लिए किया गया था. यह एक तरह से उनके लिए प्रमुख शॉपिंग स्थल था. इसके निर्माण में भी ब्रिटिशकालीन स्थापत्य और ऐतिहासिकता की झलक मिलती है. समय के साथ दिल्ली का प्रसिद्ध औपनिवेशिक बाजार जीर्ण होता चला गया और 2007 में इसे खंडहर घोषित कर दिया गया.