Delhi News: राजधानी दिल्ली में जहां हमेशा ही पानी की किल्लत बनी रहती और उसे दूर करने के उपायों में दिल्ली सरकार जगह-जगह झीलों का निर्माण करवा रही है, जिससे कि दिल्ली के घटते भू-जल स्तर को बढ़ाया जा सके. ऐसे में दिल्ली के भलसवा डेयरी का ऐतिहासिक झील राजधानी की ऐसी अनोखी झील है, जो अस्तित्व में आने के बाद से आज तक नहीं सुखी है. यही वजह है की यह झील लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गयी और हर दिन यहां सैकड़ों सैलानी आकर बोटिंग और यहां पर बिताए गए क्वालिटी टाइम का आनंद लेते हैं.


आज तक नहीं सूखा है इस झील का पानी
कहा जाता है कि इस झील का इतिहास मुगल बादशाह जहांगीर के जमाने से जुड़ा हुआ है. यह झील घोड़े की नाल के आकार की बनी है. ऐसा मानना है कि पुराने जमाने में यहां बादशाह जहांगीर के घोड़ों का अस्तबल हुआ करता था. इस ऐतिहासिक और प्राकृतिक झील का पानी आज तक कभी नही सूखा है. इसलिए अक्सर यहां शाम के वक़्त सैलानियों की भीड़ लगी रहती है.


बोटिंग कर सैलानी लेते हैं झील का आनंद
लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी यह ऐतिहासिक झील समय के साथ पर्यटक स्थल में तब्दील हो गयी, और लगातार यहां पर्यटकों का आना इस झील के लिए काफी लाभप्रद भी साबित हो रहा है. यहां हर दिन सैलानी वोटिंग करने के लिए पहुंचते हैं. और झील के पानी मे चारों तरफ घूमने का आनंद लेते हैं. यहां मैन्युअल बोट के साथ-साथ मोटर बोट भी चलाई गई है, जिससे कि सैलानी इस झील का पूरा लुत्फ ले सकें. सैलानियों के लगातार पहूंचने से इस झील और इसके आसपास के क्षेत्रों का रखरखाव भी बेहतर तरीके से किया जाता है, जिससे यहां की सुंदरता और स्वच्छता भी लोगों को मोहक और आकर्षक लगे.


घोड़े के नाल के आकार की झील
लोगों का मानना है कि सदियों पहले यह झील बादशाह जहांगीर के अधीन थी और बादशाह जहांगीर द्वारा झील के किनारे घोड़ों का अस्तबल बनाया गया था. सदियां बदल गई लेकिन यह ऐतिहासिक झील आज तक नहीं बदली. आज यहां बादशाह जहांगीर के अस्तबल होने का कोई प्रमाण तो नही मिलता है, लेकिन यह झील घोड़े के नाल के आकार की बनी हुई जो आज खुद एक जीता-जागता इतिहास बनी हुई है.


22 एकड़ में फैले झील में सिखाई जाती है स्विमिंग भी
बता दें कि इस झील का इतिहास जितना पुराना है उस से कई गुणा ज्यादा इस ऐतिहासिक झील के चर्चे दिल्ली और अन्य राज्यों में होते हैं. यह झील करीब 22 एकड़ में फैली है और यहां वोटिंग के अलावा स्विमिंग भी सिखाई जाती है और इस झील ने कई एशियन गेम्स में खिलाड़ियों को जिताने में काफी अहम भूमिका निभाई है. क्योंकि कई खिलाड़ियों ने इस झील में ही स्विमिंग करना सीखा था. आज भी स्विमिंग सीखने के बाद बच्चे नेशनल और इंटरनेशनल तैराकी प्रतियोगिता में भाग लेते हैं और मैडल जीत कर देश का नाम रोशन करते हैं. इस ऐतिहासिक झील का रख रखाव टूरिजम विभाग की तरफ से किया जा रहा है. यह झील दिल्ली की कुछ झीलों में से एक है जिसका पानी आज तक नही सूखा ओर यह झील 12 महीने गुलजार रहती है.


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