Delhi News: दिल्ली सरकार ने 14 दोषियों की समय से पहले रिहाई से संबंधित फाइल मंजूरी के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पास भेज दी है. एक आधिकारिक बयान में मंगलवार को यह जानकारी दी गई. दिल्ली के गृहमंत्री कैलाश गहलोत ने 23 फरवरी को अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), महानिदेशक (जेल), प्रधान सचिव (कानून), प्रमुख जिला न्यायाधीश, विशेष पुलिस आयुक्त और समाज कल्याण निदेशक सहित अन्य सदस्यों के साथ सजा समीक्षा बोर्ड (एसआरबी) की बैठक की थी.


बयान में कहा गया है कि बैठक में एसआरबी ने कुल 92 मामलों पर विचार किया. साथ ही 14 मामलों में दोषियों को जेल से समय से पहले रिहा करने की सिफारिश की. बयान में कहा गया है कि प्रस्ताव को मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के पास भेज दिया गया है. बयान के अनुसार कैलाश गहलोत ने कहा कि "एक बयान जारी कर गहलोत ने कहा कि सजा समीक्षा बोर्ड ने न्याय और पुनर्वास के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए, हर मामले को उसके इंडिविजुअल मेरिट के आधार पर गहनता से विचार किया है."


कैलाश गहलोत ने क्या कहा?
उन्होंने आगे कहा कि "वैसे कैदी जिनमें कारावास के दौरान वास्तविक सुधार और पश्चाताप दिखा है, उनकी समयपूर्व रिहाई के द्वारा हम उन्हें समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का एक और मौका देना चाहते हैं. इसके साथ ही इससे जेल पर बोझ को कम करने में भी मदद मिलेगी." वहीं इससे पहले दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को उपराज्यपाल विनय सक्सेना से मुलाकात की.


मुलाकात के दौरान उन्होंने दिल्ली में पानी के संकट पर चर्चा की. उन्होंने एलजी से कहा कि वह हरियाणा सरकार से मुनक नहर के जरिए ज्यादा पानी दिलाने में सहयोग करें. आतिशी ने एलजी से कहा कि इस बार वजीराबाद वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में 30 MGD प्रोडक्शन कम हुआ है. दिल्ली जल बोर्ड में स्टाफ की कमी का मुद्दा भी LG के दोनों मंत्रियों ने उठाया.



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