Delhi Airport: दिल्ली एयरपोर्ट पर डायल की नई पहल, अब उड़ानें रद्द या देर होने पर यात्रियों को मिलेंगी ये सुविधाएं
Delhi Airport News: जीएमआर और डीआईएएल ने दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों की परेशानियों को कम करने का निर्णय लिया है. इसका मकसद स्पेशल जोन विकसित कर यात्रियों को टर्मिनल तक जाने की इजाजत देना है.
Delhi Airport Latest News: दिल्ली एयरपोर्ट संचालन और प्रबंधन से जुड़ी कंपनी जीएमआर और डायल ने कोहरे, मौसम खराब होने या तकनीकी समस्याएं उत्पन्न होने की स्थिति में यात्रियों को विशेष सुविधा मुहैया कराने का फैसला लिया है. इस योजना के तहत कंपनी ने तीन घंटे तक उड़ानों में विलंब होने या उड़ानें रद्द होने पर यात्रियों को विमान से उतरने और टर्मिनल तक वापस लौटने की इजाजत दी है.
कंपनी की इस पहल को लेकर सीईओ-डायल विदेह कुमार जयपुरियार ने कहा “डायल दिल्ली हवाई अड्डे पर यात्रियों के अनुभव को और बेहतर बनाने की योजना पर काम कर रही है. नई पहल के पीछे कंपनी का मकसद कोहरे, मौसम या तकनीकी समस्याओं से प्रभावित उड़ानों के यात्रियों के उतरने और बोर्डिंग प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करना है."
डायल की नई पहल में क्या-क्या शामिल?
- फिलहाल, दिल्ली एयरपोर्ट का संचालन और प्रबंधन करने वाली जीएमआर एयरपोर्ट्स लिमिटेड और उसकी सहायक कंपनी दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआईएएल) हर टर्मिनल पर विशेष बाड़े या स्पेशल जोन विकसित करने में जुटी है. ताकि यात्रियों को टर्मिनल के अंदर वापस जाने की इजाजत मिल सके.
- यात्रियों के हित में ये जोन टर्मिनल 3 में बस बोर्डिंग गेट, कुछ एयरोब्रिज, टर्मिनल 2 में ट्रांसफर एरिया और टर्मिनल 1 में बस बोर्डिंग गेट पर विकसित करने का काम जारी है.
- डायल की ओर से जारी बयान के मुताबिक इस सुविधा का लाभ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह के यात्री उठा पाएंगे. 250 से 450 वर्ग मीटर तक के इन घेरों में एक बार में 55 से 120 यात्री रह सकेंगे.
- डायल का इन सुविधाओं को विकसित करने के पीछे मकसद सुरक्षा जांच की प्रक्रिया को आसान बनाना है. ताकि यात्रियों को टर्मिनल के सुरक्षा होल्ड एरिया (SHA) में आसानी से प्रवेश मिल सके.
- स्पेशल जोन में विकसित होने के बाद यात्री शौचालय और वेंडिंग मशीन जैसी आवश्यक सुविधाओं का लाभ उड़ानें देर होने के दौरान उठा पाएंगे. इस सुविधा का लाभ उठाने की इजाजत केवल फंसे हुए यात्रियों और एयरलाइन कर्मचारियों को होगी.
- स्पेशल जोन यानी सेफ्टी एरिया में यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए CISF कर्मी भी नियुक्त होंगे. ताकि फंसे हुए विमानों से लौटने वाले यात्रियों की जांच की जा सके. इससे पहले कि उन्हें SHA में अन्य जांचे गए यात्रियों के साथ जाने दिया जाए.
- अतिरिक्त निजी सुरक्षा एजेंसी (पीएसए) के कर्मचारी कोहरे, मौसम या तकनीकी समस्याओं से प्रभावित यात्रियों के दस्तावेजों का सत्यापन करेंगे.
- डायल की इस पहल से यात्रियों को विमान से उतरने के बाद उन्हें रिवर्स एंट्री प्वाइंट पर ले जाने और बोर्डिंग में लगने वाले समय में काफी कमी आएगी.
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