Delhi News: IGI एयरपोर्ट बनेगा देश का पहला स्मार्ट हवाई अड्डा, G-20 समिट को लेकर लिया गया फैसला
G-20: IGI एयरपोर्ट को G-20 लिए तैयार किया जा रहा है, जिससे एयरपोर्ट पर डेलीगेट्स और डिप्लोमैट्स की मूवमेंट आसान और तेज हो सके, साथ ही हवाई यात्रियों को एयरपोर्ट पर बेहतर सुविधा मिल सके.
Delhi News: भारत की अध्यक्षता में होने वाले G-20 समिट को लेकर राजधानी दिल्ली में तमाम तरह की तैयारियां चल रही हैं. साथ ही समिट से संबंधित स्थलों पर नए निर्माण या नवीनीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है. जिससे कि विदेशों से आने वाले मेहमानों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े. ऐसे में राजधानी के एक मात्र इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भी इसके लिए तैयार किया जा रहा है. जिससे एयरपोर्ट पर डेलीगेट्स और डिप्लोमैट्स की मूवमेंट आसान और तेज हो सके. साथ ही हवाई यात्रियों को एयरपोर्ट पर बेहतर सुविधा मिल सके.
IGI एयरपोर्ट को स्मार्ट बनाने की तैयारी
बता दें कि राजधानी का एयरपोर्ट होने के कारण IGI एयरपोर्ट पर सामान्य रूप से भी VIP और VVIP लोगों का मूवमेंट होता रहता है. जिनमें कई डिप्लोमैट्स भी शामिल होते हैं. हालांकि, उनके लिए फोरकोर्ट एरिया (टर्मिनल के बाहरी क्षेत्र) में पहला लेन आरक्षित रखा जाता है, लेकिन कई बार एक से ज्यादा डिप्लोमैट्स की मूवमेंट्स होने पर कई बार उस लेन पर भी काम की स्थिति उतपन्न हो जाती है. ऐसे में डिप्लोमैट्स को भी आवश्यक प्रक्रियाओं के कारण टर्मिनल भवन में प्रवेश करने के लिए इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में IGI एयरपोर्ट का संचालन करने वाली डायल, अत्याधुनिक तकनीक की मदद से कई सुविधाओं को विकसित करने जा रही है. जिसे सितंबर से पहले पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. डायल का दावा है कि, उन सुविधाओं से जुड़े कार्यों के पूरा होने के बाद IGI एयरपोर्ट देश का पहला स्मार्ट एयरपोर्ट बन जायेगा.
अत्याधुनिकी तकनीक वाली सुविधाओं से लैस
IGI एयरपोर्ट को स्मार्ट बनाने की दिशा में डायल, विभिन्न देशों के दूतावास, मंत्रिमंडल के सदस्यों, न्यायाधीश, शीर्ष पद पर बैठे विभिन्न अधिकारी समेत ऐसे VVIP जिनका एयरपोर्ट पर अक्सर ही आना-जाना होता रहता है, उन्हें एक ऐसा स्टीकर या टैग देगा, जिसमें सेंसर लगे होंगे. सेंसर से कंट्रोल रूप को पता चल जाएगा कि लेन में संबंधित वाहन का प्रवेश हो चुका है. इससे सुरक्षाकर्मी द्वारा नंबर का मिलान करने में लगने वाले समय की बचत होगी. सेंसर की मदद से यह भी पता लगाया जा सकेगा कि एक समय में इसपर कितने वाहन यदि वाहनों की संख्या अधिक रहेगी तो दूसरे लेन को भी तुरंत ही आरक्षित कर लिया जाएगा, जिससे आवागमन सुगम बना रहे. जबकि अब तक VVIP के आगमन से पहले डायल को सूचित करना होता है, जिसके बाद डायल संबंधित गाड़ी के नंबर को लेन में तैनात सुरक्षाकर्मी को देता है. जिसे लेन में पहुंचे गाड़ी से मिलान करने के बाद ही आगे बढ़ने दिया जाता है. इसमें समय भी लगता है और इसी बीच किसी दूसरे VVIP की मूवमेंट होने से जाम की स्थिति बन जाती है.
टॉयलेट भी बनेगा स्मार्ट
इसके अलावा एयरपोर्ट के फोरकोर्ट एरिया में स्थित टॉयलेट्स में भी स्मार्ट सेंसर लगाए जा रहे हैं. सेंसर कंट्रोल रूम को यह सूचित करता रहेगा कि किस टॉयलेट में अभी आदमी हैं और किस टॉयलेट का कितना इस्तेमाल हो रहा है. टॉयलेट में लगे उपकरण काम कर रहे हैं या नहीं. इसी तरह यात्रियों को भी बाहर लगे डिस्प्ले बोर्ड से यह पता लग जाएगा की कौन सा टॉयलेट अभी खाली है. एयरपोर्ट पर कई बार ट्रॉली को लेकर यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उन्हें ट्रॉली को ढूंढने लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. फोरकोर्ट एरिया में अक्सर कई ऐसी जगह ट्रॉली पड़ी मिलती है, जहां कोई यात्री नहीं होता है. इस स्थिति निपटने के लिए डायल अब ट्रॉलियों पर सेंसर लगाने जा रहा है. ट्रॉलियों पर लगे सेंसर कंट्रोल रूम से जुड़े रहेंगे, इससे ट्रॉली की लोकेशन और इसकी मूवमेंट का पता लग जाएगा. यदि कहीं किसी ट्रॉली की लोकेशन लंबे समय तक एक ही जगह पर टिकी है उसे तुरंत वहां लाया जाएगा, जहां उसकी जरूरत हो.