Delhi Crime News: दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट थाने की पुलिस ने विदेश भेजने के नाम पर भोले-भाले लोगों से ठगी करने वाले एक बिहारी एजेंट को गिरफ्तार किया है, जिसकी पहचान रहमतुल्ला अंसारी (48) के रूप में हुई है. इसके साथ ही पुलिस ने एक हवाई यात्री को भी गिरफ्तार किया है, जो इंडियन इम्मीग्रेशन को धोखा देकर फर्जी वीजा पर विदेश जाने की कोशिश कर रहा था. इस व्यक्ति की पहचान धनंजय कुमार यादव (26) के तौर पर हुई है. ये दोनों ही बिहार के गोपालगंज जिला के रहने वाले हैं.
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि 30 जुलाई को धनंजय कुमार यादव नाम का एक यात्री दुबई जाने के लिए आईजीआई एयरपोर्ट के डिपार्चर इम्मीग्रेशन में पहुंचा, जहां उसके ट्रैवेल डॉक्युमेंट्स की स्क्रूटनी के दौरान पासपोर्ट पर किर्गिस्तान का फर्जी वीजा चिपका पाया गया था. फर्जी वीजा पर यात्रा और इंडियन इम्मीग्रेशन के साथ चीटिंग के मामले में उसके खिलाफ मिली शिकायत के आधार पर आईजीआई एयरपोर्ट थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई, जिसके बाद पुलिस की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर छानबीन शुरू की.
एजेंट के झांसे में आकर दिए 2 लाख नकद
आरोपी यात्री ने पूछताछ में बताया कि वो बिहार के गोपालगंज का रहने वाला है. उसके कुछ दोस्त जल्दी पैसे कमाने की चाह में यूरोपीय देशों में गए हैं, इसलिए उसने भी विदेश जाकर पैसे कमाने की योजना बनाई ताकि वो भी अच्छी जिंदगी जी सके. इस प्रयास के दौरान उसकी मुलाकात रहमत नाम के एक से हुई, जिसे मुन्ना सिंह नाम के एक शख्स ने उससे मिलवाया था.
आरोपी एजेंट ने उसे 2 लाख रुपये में किर्गिस्तान भेजने का भरोसा दिया, जिसके बाद आरोपी यात्री धनंजय ने एजेंट को 2 लाख रुपये नकद दिए और एजेंट ने अपने सहयोगियों की सहायता से धनंजय के लिए दुबई और किर्गिस्तान के टिकट और वीजा का प्रबंध किया, लेकिन दिल्ली पहुंचने पर उसे आईजीआई एयरपोर्ट पर पकड़ लिया गया.
बिहार में छापेमारी कर आरोपी एजेंट को धरदबोचा
आरोपी यात्री के खुलासे के आधार पर एसीपी आईजीआई की देखरेख और इंस्पेक्टर सुमित के नेतृत्व में एसआई मुकेश और कॉन्स्टेबल कृष्ण ने टीम का गठन कर आरोपी एजेंट की पकड़ में लगाया. टीम ने लोकल इंटेलिजेंस और टेक्निकल सर्विलांस के साथ गंभीर और समर्पित प्रयास से बिहार में छापेमारी कर उसे दबोच लिया.
पूछताछ में आरोपी एजेंट ने अपना गुनाह कबूलते हुए बताया कि वो 10वीं तक पढ़ा है और दुबई में उसने 13-14 साल काम किया है. उसके काम के दौरान वो कुछ एजेंटों के संपर्क में आया जो आसानी से पैसे कमाने के लिए भोलेभाले लोगों से विदेश भेजने के नाम पर ठगी करते थे, जिसके बाद उसने भी एजेंट के रूप में काम करने की योजना बनाई और 2019 में उसने आर. फाइंडर रिक्रूटमेंट नाम से एक ऑफिस खोला और विदेशों में लोगों को जॉब दिलाने का काम करने लगा.
विदेश भेजने के नाम पर फर्जी वीजा का जुगाड़
इस मामले में उसने अपनी संलिप्तता स्वीकारते हुए बताया कि उसने अपने सहयोगियों के साथ मिल कर यात्री को ठगने की नीयत से दो लाख रुपये में किर्गिस्तान भेजने का वादा किया था और इसके लिए उसने फर्जी वीजा की व्यवस्था की थी. इस मामले में पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की छानबीन में जुटकर उसके बैंक खातों की जांच कर रही हैं, ताकि उसके अन्य ठगी के मामलों का पता चल सके.
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