एक्सप्लोरर
Advertisement
Delhi News: दिल्ली में बिजली की बढ़ती डिमांड को देखते हुए केंद्र सरकार ने लिया अहम फैसला, जानिए इस फैसले से क्या होंगे बदलाव
देशभर में बिजली संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिसिटी एक्ट का सेक्शन 11 लागू कर दिया है. बिजली बनाने वाली कंपनियों के लिए ये नियम 31 अक्टूबर तक के लिए लागू किए गए हैं.
Power Crisis: देश भर में इस बार गर्मी अपना कहर बरपा रही है. इस बार गर्मी की शुरुआत वक्त से पहले हो गई और मार्च महीने से ही उत्तर भारत में गर्मी की वजह से बिजली की खपत ज्यादा होने लग गई. बढ़ती गर्मी ने देश भर में बिजली की डिमांड को पहले से काफी बढ़ा दिया है.
वहीं अगर केंद्र सरकार के जारी आंकड़ों की बात करें तो इस साल कुल खपत में 20% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन बढ़ती डिमांड के बीच घरेलू कोयले की आपूर्ति के बाद भी उत्पादन में कोई खास वृद्धि नहीं हुई है, इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिसिटी एक्ट का सेक्शन 11 लागू कर दिया है. केंद्र सरकार ने बिजली बनाने वाली कंपनियों के लिए ये नियम 31 अक्टूबर तक के लिए लागू किए है,जिसके अंतर्गत कई नियम शामिल है.
बकाए का विवाद बाद में सुलझाए
दरअसल देश भर में बिजली की मांग बढ़ गई है. इस बीच बिजली कंपनियों और कोयले को इम्पोर्ट करने वाले प्लांट्स में पैसों के बकाए होने का विवाद भी चल रहा है जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिसिटी एक्ट सेक्शन 11 लागू किया है, यह 31 अक्टूबर तक जारी रहेगा, सरकार ने बिजली के उत्पाद को बढ़ाने के लिए कोयला इम्पोर्ट करने के लिए कहा है. कंपनियों से कहा गया है की वो बचे हुए पेमेंट से जुड़े विवादों को बाद में सुलझाए.
क्या है इलेक्ट्रिसिटी एक्ट सेक्शन 11?
बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए पावर मिनिस्ट्री के ज्वाइंट सेक्रेटरी घनश्यान प्रसाद ने सभी कोयल एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों को बताया की फिलहाल बिजली की मांग को देखते हुए 31 अक्टूबर 2022 तक इलेक्ट्रिसिटी एक्ट सेक्शन 11 लागू किया जा रहा है, जिसके तहत वो सभी कंपनिया जो इंपोर्टेड कोयले पर आधारित है उन्हे 100 फीसदी क्षमता के साथ उत्पादन करना होगा. इस सेक्शन में ये प्रावधान हैं.
- बिजली बनने के बाद पहले उस राज्य को दी जाएगी जिनका पावर परचेज एग्रीमेंट है, इसके बाद बची बिजली को पावर एक्सचेंज को बेचा जा सकता है.
- अगर कंपनी का कई डिस्कॉम के साथ पावर परचेज एक्सचेंज के तहत एग्रीमेंट है तो पहले मांग के हिसाब से उन्हें सप्लाई करे इसके बाद राज्य को बिजली दें
- इसके अलावा महंगे कोयले के भुगतान और उसके अंतर का फैसला केंद्रीय कमेटी लेगी.
- अभी डिस्कॉम को हफ्ते के हिसाब से पावर प्लांट को पेमेंट करनी होगी.
ये भी पढ़ें
Rapid Rail: 14 मई को गाजियाबाद पहुंचेगी रैपिड रेल, जानिए- ट्रेन की खासियत और कब से कर सकेंगे सफर
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, राज्य और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
छत्तीसगढ़
क्रिकेट
बॉलीवुड
Advertisement
प्रफुल्ल सारडा,राजनीतिक विश्लेषक
Opinion