दिल्ली में चोरों के निशाने पर होती थी लग्जरी कारें, गैंग का मास्टरमाइंड निकला इंजीनियर, 5 गिरफ्तार
Delhi Crime: पुलिस ने बताया कि गैंग के मास्टरमाइंड हरप्रीत उर्फ स्मार्टी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. स्मार्टी वाहन चोरी के लिए इंजीनियरिंग कौशल का इस्तेमाल करता था.
Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने वाहन चोरों के हाई-टेक गैंग का भंडाफोड़ करने में कमायाबी पाई है. गिरोह दिल्ली-एनसीआर से महंगी लग्जरी गाड़ियों को चुरा कर पंजाब समेत देश के अन्य राज्यों में बेचता था. पुलिस ने मास्टरमाइंड इंजीनियर समेत दो वाहन चोरों और तीन रिसीवरों को गिरफ्तार किया है.
आरोपियों के कब्जे से 14 कार, 61 रिमोट की, वाहनों को खोलने और नई चाबियां तैयार करने के लिए उपयोग किया जाने वाला ऑन बोर्ड डायग्नोस्टिक टूल (एक्स-टूल) और चोरी में इस्तेमाल किये जाने वाले अन्य उपकरण बरामद हुये हैं.
दो करोड़ की 14 लग्जरी कारें बरामद
डीसीपी संजय कुमार सैन ने बताया कि इंजीनियर हरप्रीत उर्फ स्मार्टी वाहन चोरों का अंतरराज्यीय गैंग चला रहा था. उसे वाहनों की अच्छी जानकारी है. उस पर 40 आपराधिक मामले दर्ज हैं और तीन मामलों में वांटेड था. आरोपियों की गिरफ्तारी से पुलिस ने वाहन चोरी के 14 मामले का खुलासा करने में कमायाबी पाई है. उनसे बरामद 14 कारों की कीमत दो करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है.
डीसीपी ने बताया कि वाहन चोरी पर अंकुश लगाने के लिए एसीपी सुशील कुमार, इंस्पेक्टर दिलीप कुमार, एसआइ विजय कुमार, वीर सिंह, विजय, एएसआइ रोहित सोलंकी, संजीव, हेड कॉन्स्टेबल गुरवेंद्र की टीम का गठन किया गया था. पुलिस टीम ने वाहन चोरी के पैटर्न, समय और विभिन्न मामलों के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का विश्लेषण किया. सूत्रों की सहायता से दिल्ली में रह रहे पंजाब के पटियाला निवासी हरप्रीत उर्फ स्मार्टी गैंग की जानकारियों को विकसित किया गया.
गैंग का मास्टरमाइंड निकला इंजीनियर
आखिरकार पुलिस टीम को कड़ी मशक्कत का फल मिला. 18 मार्च को हरप्रीत उर्फ स्मार्टी की फर्जी नम्बर प्लेट लगी सेलटोस गाड़ी से इंद्रप्रस्थ पार्क के पास आने की सूचना मिली. सूचना थी कि उसके साथ उसका एक सहयोगी अखलाक भी होगा. पुलिस ने ट्रैप लगा कर हरप्रीत और अखलाक को दबोच लिया. जांच में गाड़ी के राजेन्द्र नगर इलाके से चोरी होने का पता चला. गाड़ी की तलाशी में फर्जी आरसी, ड्रिल मशीन, 10 स्क्रू ड्राइवर, तीन टॉर्च, कटर प्लायर, 61 खाली रिमोट की और 08 मैकेनिकल की भी बरामद की गईं.
पूछताछ में हरप्रीत और अखलाक ने बताया कि ज्यादातर हुंडई की क्रेटा और सेल्टोस किया कारों को निशाना बनाते थे. चोरी के बाद मेरठ और पंजाब में रिसीवरों को बेच देते थे. उन्होंने बताया कि लग्जरी कारों की कीमत 11 लाख से लेकर 24 लाख तक होती है. पंजाब एवं अन्य राज्यों में अच्छा दाम मिलने से कारों को निशाना बनाते थे. आरोपियों ने खुलासा किया कि पिछले चार महीने में 50-60 लग्जरी कारें चुराई हैं. उनकी निशानदेही पर पुलिस ने पंजाब में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की. छापेमारी में तीन रिसीवरों को गिरफ्तार कर चोरी गयी 13 अन्य कारें भी बरामद की गयी.
इस तरह वाहनों को निशाना बनाता था गैंग
पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपी ओबीडी (ऑन बोर्ड डायग्नोस्टिक) की सहायता से गाड़ियों को चुराते थे. ऑन-बोर्ड डायग्नोस्टिक गाड़ियों में लगने वाला एक पोर्ट होता है, जो वाहनों की मरम्मत करने वाले तकनीशियन को वाहन के मुख्य फ्रेम तक पहुंचने और वाहन के इलेक्ट्रानिक्स, इंजन और अन्य प्रणालियों में त्रुटियों की जांच करने के लिए अधिकृत करता है. हरप्रीत इस पोर्ट का इस्तेमाल कर गाड़ियों की ऑरिजिनल डिजिटल चाबी को एक खाली चाबी पर डाउनलोड करने के लिए करता था और इस तरह वह इन टूल की सहायता से गाड़ियों को चुरा लेता था.
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