Jahangirpuri Violence News: दिल्ली का जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) हिंसा के बाद पुलिस और अर्धसैनिक बलों से घिरा हुआ है, जहांगीरपुरी इलाके में शुक्रवार को हालात सामान्य होने के संकेत मिले. जब स्थानीय शांति समिति ने सांप्रदायिक सद्भाव का आह्वान किया और दोनों समुदाय के सदस्यों ने एक-दूसरे को गले लगाते हुए बीती बातों को भूल जाने की हामी भरी.


जहांगीरपुरी में बीते शनिवार को हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद दोनों समुदायों के बीच लगभग एक हफ्ते से तनाव जारी था. हिंसा के केंद्र रहे सी-ब्लॉक के निवासियों ने कुशल चौक पर एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें उन्होंने रविवार को भाईचारे और मैत्री के प्रतीक के रूप में तिरंगा यात्रा निकालने का संकल्प लिया. दोनों समुदायों ने कहा कि वे सद्भाव से रहना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.


मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधि तबरेज खान ने कहा, हम सद्भाव से रहना चाहते हैं. हम सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. हम पुलिस से जवानों की तैनाती और बैरिकेडिंग में कमी करने का अनुरोध करते हैं. रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं हिंदू समुदाय के सदस्य इंदर मणि तिवारी ने झड़पों को परेशान करने वाला बताया. उन्होंने कहा कृपया अफवाहों पर यकीन न करें. यहां पहली बार सांप्रदायिक झड़पें हुई हैं, हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि ये दोबारा न हों.


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डीसीपी ऊषा रंगनानी ने जताई खुशी


सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित इलाके में सौहार्द के दृश्य सामने आने पर डीसीपी (उत्तर पश्चिम) ऊषा रंगनानी ने खुशी जताई. उन्होंने कहा मैं खुश हूं दो समुदायों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व बना रहना चाहिए. मैंने एच और जी ब्लॉक में दुकानों को खोलने से कभी नहीं रोका, मुझे नहीं पता कि ये दुकानें क्यों बंद हैं. हम इन दोनों ब्लॉक में दुकानें और व्यवसाय खोलने की सुविधा प्रदान करेंगे.


सांप्रदायिक हिंसा के एक हफ्ते बाद शुक्रवार को उत्तर-पश्चिमी दिल्ली का यह इलाका शांतिपूर्ण रहा, क्योंकि लोगों ने पड़ोस की मस्जिद में जुमे की नमाज अदा की, लेकिन सामान्य जीवन बहाल नहीं हो सका. 16 अप्रैल की सांप्रदायिक झड़पों और भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के बुधवार के कथित प्रतिशोधी अतिक्रमण विरोधी अभियान का केंद्र रहे सी-ब्लॉक में भारी बैरिकेडिंग के बीच बड़ी संख्या में पुलिस व अर्धसैनिक बल तैनात हैं.


बैरिकेडिंग और प्रतिबंध से काम हो रहा है ठप्प


कई निवासियों ने शिकायत की कि वे आवाजाही पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण अपनी दुकानें नहीं खोल पा रहे हैं या काम पर नहीं जा पा रहे हैं, जिससे उनकी आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. जहांगीरपुरी में ज्यादातर निम्न आय वर्ग के लोग रहते हैं, जो आमतौर पर कारखानों में काम करते हैं या छोटे व्यवसाय चलाते हैं, जैसे वाहनों की मरम्मत और कबाड़ का व्यवसाय करने वाली दुकानें, कई लोग फल-सब्जी के ठेले लगाते हैं.


लोगों ने कहीं ये बातें


अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान कई निवासियों की दुकानें ढहा दी गई थीं. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस उन्हें मुक्त आवाजाही और दुकानें खोलने से रोक रही है. सी-ब्लॉक की निवासी अनवरा बीबी ने आरोप लगाया कि प्रतिबंधों का असर उनकी रोजी-रोटी पर पड़ने लगा है. हताश अनवरा ने कहा यह बैरिकेडिंग हमारे लिए एक बड़ी परेशानी पैदा कर रहे हैं. मैं और मेरा 17 वर्षीय बेटा कबाड़-व्यापारी हैं. हम गरीब लोग हैं अधिकारियों को हमारी आजीविका की जरा-भी फिक्र नहीं है, हम रोजी-रोटी नहीं कमा पा रहे हैं ऐसा कब तक चलेगा?  अनवरा के शौहर बोरजगार हैं, उन्होंने कहा, मेरे परिवार में चार लोग हैं. मुझे अपने घर का किराया देना होता है हम बिना कमाई के कितने दिनों तक रह सकेंगे? मेरा परिवार मुझ पर और मेरे बेटे पर आश्रित है.


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कुशल चौक स्थित अकबर (25) की मोबाइल फोन सुधारने की दुकान पिछले छह दिनों से बंद है. इससे उनके लिए गुजर-बसर करना मुश्किल हो रहा है. वह कहते हैं मैंने यह दुकान पांच महीने पहले शुरू की थी और अब पिछले छह दिनों से मैं इसे नहीं खोल पा रहा हूं. मैं आठ लोगों के अपने परिवार का भरण-पोषण कैसे करूंगा? मैं इस दुकान के लिए हर महीने 15,000 रुपये किराया देता हूं. मैंने कर्ज भी लिया है, जिसके लिए मुझे 15,000 रुपये की ईएमआई भरनी है मुझे नहीं पता, अब क्या होगा?  दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (कानून व्यवस्था) दीपेंद्र पाठक के मुताबिक, वह इलाके पर कड़ी नजर रख रहे हैं. उन्होंने कहा, “बैरिकेडिंग कुछ और दिनों तक रहेगी. आज स्थिति पिछले दिनों की तुलना में बेहतर है. हम यहां की कानून-व्यवस्था पर नजर रख रहे हैं.


इलाके में शुक्रवार को हालात कुछ बेहतर थे, क्योंकि निवासियों को सी-ब्लॉक की मस्जिद में जुमे की नमाज अदा करने की अनुमति दी गई. स्थानीय निवासी अनवर ने कहा कि पुलिस ने लोगों के मस्जिद जाने के लिए एक मार्ग निर्धारित किया है, जहां शनिवार को पहली बार झड़प हुई थी, और आठ पुलिसकर्मियों सहित नौ लोग घायल हो गए थे. अनवर ने कहा, “हमारी तरफ से चीजें सामान्य हैं. आज जुमा (शुक्रवार) है. हमारे पड़ोसी और अन्य लोग भी मस्जिद जा रहे हैं. मैं खुद मस्जिद गया और नमाज अदा की. पुलिस हमें मस्जिद जाने से नहीं रोक रही है. उन्होंने वहां जाने के लिए एक मार्ग निर्धारित किया है.


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राजनीतिक और धार्मिक नेताओं को स्थानीय लोगों से मिलने से रोका 


विश्व हिंदू परिषद के प्रतिनिधिमंडल को कुशल चौक पर रोका गया. पुलिस ने इससे पहले एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल को हिंसा और उसके बाद के विध्वंस अभियान से प्रभावित लोगों से मिलने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था. तृणमूल कांग्रेस, भाकपा और समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडलों को भी शुक्रवार को लौटा दिया गया था.
पार्टी महासचिव डी राजा के नेतृत्व में भाकपा के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने वापस भेजे जाने के बाद कुशल चौक पर, बैरिकेड के पास धरना दिया.


हाई कोर्ट द्वारा रोके गए विध्वंस अभियान की आलोचना से बेफिक्र दिल्ली भाजपा के प्रमुख आदेश गुप्ता ने कहा कि न्याय का बुलडोजर चलता रहेगा. आप नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पार्षदों पर आरोप लगाया कि उन्होंने बुलडोजर के जरिये अतिक्रमण हटाने के गुप्ता के निर्देशों के बाद निवासियों से अपनी संपत्ति बचाने के लिए रिश्वत की मांग की.
सिसोदिया ने बीजेपी की ‘बुलडोजर राजनीति’ की आलोचना की और अपनी पार्टी के विधायकों से उन लोगों के साथ खड़े होने को कहा, जिन्हें बीजेपी पार्षदों द्वारा ‘डराया, धमकाया और ब्लैकमेल किया जा रहा है.


गुप्ता ने बीजेपी शासित नगर निकायों के महापौरों को पत्र लिख कर, रोहिंग्या मुसलमानों, बांग्लादेशियों और असामाजिक तत्वों द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए कहा है. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के मेयर मुकेश सूर्यन ने कहा, “हम अतिक्रमण विरोधी अभियान को तेज करने जा रहे हैं. किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा. आज भी हमने अधिकारियों के साथ बैठक की और एसडीएमसी के अधिकार क्षेत्र में कई स्थलों की पहचान की. पूर्वी दिल्ली नगर निगम के उनके समकक्ष श्यास सुंदर अग्रवाल ने भी कहा कि अतिक्रमण विरोधी अभियान को तेज किया जाएगा.        


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