Delhi Jail: कैदियों से मुलाकात को लेकर क्या हैं दिल्ली जेल के नियम? जानें- क्यों शुरू हुआ विवाद?
Delhi Jail News: कैदियों से उनके परिवारों और मित्रों से मुलाकात का दिल्ली का अपना एक जेल मैनुअल है. इसी मैनुअल के हिसाब से यह तय होता है कि मुलाकात किस तरह से कराई जाएगी.
Delhi News: आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) की ओर से लगाए गए आरोपों के बीच यह जानकारी सामने आई है कि कैदियों और उनके रिश्तेदारों या दोस्तों के बीच मुलाकातें जेल के मैनुअल के अनुसार आयोजित की जाती हैं और यह बिना किसी अपवाद के सभी कैदियों पर लागू होता है. यह जानकारी शीर्ष जेल सूत्रों ने दी.
दरअसल, संजय सिंह ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस संबोधित करते हुए कहा था कि जेल में बंद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की पत्नी सुनीता केजरीवाल (Sunita Kejriwal) ने उनसे जेल में मिलने के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें बताया गया कि वह उनसे आमने-सामने नहीं मिल सकतीं, बल्कि केवल एक खिड़की के माध्यम से मुलाकात कर सकती हैं.
सूत्रों ने कहा, “इन बैठकों के दौरान एक कांच की खिड़की मौजूद होती है, जिसे 'जंगला मीटिंग' के रूप में जाना जाता है. इसमें कैदी और जिस व्यक्ति से वे मिल रहे हैं, उसके बीच खिड़की के दोनों ओर स्थापित फोन के माध्यम से संचार को सक्षम बनाया जाता है. किसी के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं है.” सूत्रों ने आगे बताया कि बैठक वीडियो कॉल के जरिए भी हो सकती है.
कैदी दो विकल्पों में किसी एक का कर सकता है चुनाव
अधिकारी ने कहा, “मुलाकात के लिए सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन आयोजित की जाती हैं. यह वेबसाइट पर बैठक के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति के विवेक पर निर्भर है कि वह कैदी से जंगला बैठक के जरिये मिलना पसंद करता है या या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से. कैदी और मुलाकाती को आमने-सामने मिलने की अनुमति देना जेल अधीक्षक पर निर्भर है.'' जेल मैनुअल के अनुसार, प्रत्येक मुलाकात इस उद्देश्य के लिए नियुक्त जेल के एक विशेष हिस्से में होगा.
दिल्ली जेल मैनुअल के अनुसार, “यदि संभव हो तो कैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऐसी जगह मुख्य द्वार पर या उसके पास होनी चाहिए. मुलाकात कक्ष में इंटरकॉम सुविधाओं के साथ या किसी अन्य नवीनतम तकनीक से सुसज्जित फाइबर ग्लास विभाजन होगा, ताकि कैदी शांतिपूर्ण मुलाकात कर सकें.
इस शर्त पर आमने-सामने बैठने की इजाजत
मैनुअल कहता है कि “मुलाकात कक्ष को क्यूबिकल्स में विभाजित किया जाएगा और इसकी दीवारों और छतों को ढंकने के लिए ध्वनिरोधी सामग्री होनी चाहिए. हालांकि, जेल अधीक्षक सुरक्षा और अन्य संबंधित पहलुओं पर उचित विचार करने के बाद अच्छे व्यवहार वाले कैदियों को आमने-सामने साक्षात्कार की अनुमति दे सकते हैं.”
मुलाकात में हो सकती हैं केवल ऐसी बातचीत
जेल मैनुअल में यह भी कहा गया है कि प्रवेश पर, प्रत्येक कैदी को उन व्यक्तियों की एक सूची जमा करनी चाहिए जो उनसे मुलाकात कर सकते हैं और साक्षात्कार परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और दोस्तों तक ही सीमित रहेगा. इसमें लिखा है, “मुलाकात के दौरान बातचीत निजी और घरेलू मामलों तक ही सीमित होगी, और जेल प्रशासन तथा अनुशासन और अन्य कैदियों या राजनीति का कोई संदर्भ नहीं होगा."
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