Delhi: दिल्ली की जेलों में अक्सर ही गैंगवार की वारदातें सामने आती रहती हैं, जो कई बार हिंसक रूप ले लेती है. खास बात यह है कि इन गैंगवार में इस्तेमाल होने वाले हथियार के रूप में जेलों में सप्लाई की जाने वाली रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं जैसे लोहे की बाल्टी और पंखे आदि को कैदी इस्तेमाल करते हैं. इसे देखते हुए जेल में हिंसक वारदातों पर लगाम लगाने के लिए जेल प्रशासन की ओर से जेलों में पंखे और लोहे की बाल्टी की सप्लाई बंद कर दी गई है.


दिल्ली में वर्तमान में तिहाड़, मंडोली और रोहिणी को मिलाकर 3 जेल हैं, जबकि चौथी जेल नरेला में बन रही है. बीते साल 2 मई को तिहाड़ जेल नम्बर 1 में हुए गैंगवार में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या कर दी गई थी. उसकी हत्या का आरोप गोगी गैंग के दीपक उर्फ तीतर, योगेश उर्फ टुंडा, राजेश और रियाज खान पर लगा था. इस सनसनीखेज वारदात के बाद तिहाड़ जेल की तलाशी में जेल अधिकारियों को जेल की बैरकों से 50 से ज्यादा नुकीले हथियार और कई मोबाइल बरामद हुए थे.


एलजी ने दिए थे कई आदेश


इस घटना के बाद एलजी विनय कुमार सक्सेना ने जेल में बंद कैदियों की सुरक्षा और इस तरह की वारदात की पुनरावृति रोकने के आदेश दिए थे. वहीं इस घटना के लिए एक जांच कमेटी गठित की गई थी. इसकी रिपोर्ट के बाद तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने जेलों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर भविष्य में जेल के अंदर बैरकों और कोर्ट में पेशी के दौरान कैदियों पर हमले को रोकने के लिए कई ठोस कदम उठाए.


जेल में लगाई जाएगी रबर की टाइल्स


कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर जेल की बैरकों में लगे सिरेमिक टाइल्स की जगह जिम में लगाई जाने वाली रबर की टाइल्स लगाए जाने का निर्णय किया गया. ये टाइल्स हल्की और फायर रेजिस्टेंस होती हैं. अक्सर देखा गया है कि कैदी फर्श पर लगी टाइल्स तोड़कर उसे नुकीले हथियार की तरह दूसरे कैदी पर हमला करने में इस्तेमाल करते हैं. वहीं खिड़कियों में लगी पतली पत्तियों को अच्छे से वेल्ड करने जैसे उपाय भी किए जा रहे हैं, ताकि कैदी इन्हें तोड़कर धारदार हथियार का रूप न दे सकें.


बॉडी स्कैनर लगाएगा हथियार का पता


जेल अधिकारी ने बताया कि नियमित अंतराल पर तलाशी के दौरान अलग-अगल जेलों में कैदियों से मोबाइल, खिड़कियों की पत्तियां, पंखें, एग्जॉस्ट फैन की पत्तियां, टाइल्स, बोतल को तोड़कर बनाए गए नुकीले हथियारों के साथ मादक पदार्थों की खेप पकड़ी जाती रही है. लेकिन, अब इन्हें जेल में न पहुंचाया जा सके, इसके लिए बॉडी स्कैनर लगाए जाएंगे. जेल में मोबाइल के इस्तेमाल को रोकने के लिए जैमर लगाए गए हैं, लेकिन कैदी 2G फोन इस्तेमाल करते हैं, जिसकी फ्रीक्वेंसी और सिग्नल जैमर की पहुंच से बाहर होते हैं.


कैदियों की दी जाएगी प्लास्टिक की बाल्टी


तिहाड़ जेल के एक अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि अब जेलों में कैदियों के बैरकों में लगाने के लिए लोहे के बने एग्जॉस्ट फैन, पंखे, लोहे की बाल्टियां आदि की खरीद पर दिसंबर से रोक लगा दी गई है. सुरक्षा कारणों से कैदियों की बैरकों से ह्यूमिडिटी को बाहर निकालने के लिए लोहे के एग्जॉस्ट फैन की जगह प्लास्टिक के ब्लेड वाले एग्जॉस्ट फैन लगाए जाएंगे और छत पर लगे पंखों को हटाकर बड़े कूलरों की डक्टिंग कर बैरकों में कैदियों को हवा उपलब्ध करवाई जाएगी. वहीं नहाने के लिए लोहे की बाल्टी की जगह प्लास्टिक की बाल्टी दी जाएगी. अगर लोहे की बाल्टी हुई तो उसे उसमें लगी छड़ को निकाल दिया जाएगा, ताकि कोई कैदी छड़ निकालकर उसे घिसकर नुकीले हथियार का रूप न दे सके.


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