Delhi Rain Water Harvesting System: दिल्ली में सालों से पीने के पानी को लेकर समस्या बनी हुई है, जो गर्मियों के मौसम में विकराल रूप ले लेती है. लोगों को पानी के लिए मारामारी तक करनी पड़ती है. इसकी वजह है, दिल्ली का घटता भूजल स्तर, जिसमें लगातार ही गिरावट आ रही है. दिल्ली सरकार पीने के पानी की इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए कई उपायों पर काम कर रही है. इनमें से सबसे प्रमुख है 'रेन वाटर हार्वेस्टिंग'. इसे कारगर और आवश्यक बनाने की दिशा में दिल्ली सरकार कोशिश कर रही है. इसके लिए लोगों को जागरूक बनाने के साथ आर्थिक सहायता भी मुहैया करवा रही है.


दरअसल द‍िल्‍ली सरकार ने रेन वाटर हार्वेस्‍टिंग स‍िस्‍टम को बढ़ावा देने के ल‍िए एक योजना तैयार किया है. इसमें दिल्ली सरकार के जल बोर्ड की ओर से वे शख्स जो अपने घरों पर बार‍िश के पानी को इकट्ठा करने वाले इस स‍िस्‍टम को लगाते हैं, तो उन्हें 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दे रही है. रेन वाटर हार्वेस्टिंग के प्रति लोगों में जागरूकता लाने और दिल्ली के भूजल स्तर को बढ़ाने की कवायद में सरकार ने 100 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल में बने घरों पर रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना अनिवार्य कर दिया है.


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केजरीवाल सरकार ने दी हुई है नियमों में ढील


इसके लिए केजरीवाल सरकार ने नियमों में काफी ढील भी दी हुई है. लोग दिल्ली जल बोर्ड के बजाय काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर में पंजीकृत किसी भी आर्किटेक्ट से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं. बस ध्यान इस बात पर देना होगा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम दिल्ली जल बोर्ड की ओर से जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ही बनाया जाए.


‘इनलाइन रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम' काफी किफायती


भूजल स्तर को बढ़ाने और बारिश के पानी का कुशलतापूर्वक उपयोग करने के लिए दिल्ली सरकार ने कई अनोखे प्रयोगों का आध्ययन किया. इसमें से एक डूंगरपुर (राजस्थान का एक डिस्ट्रिक्ट) रेन वाटर हार्वेस्टिंग मॉडल भी हैं. इस मॉडल को ‘इनलाइन रेन वाटर हार्वेस्टिंग' सिस्टम के नाम से जाना जाता है. यह मॉडल काफी किफायती है, जिसे सफलतापूर्वक राजस्थान के डूंगरपुर जिले में अपनाया गया है.



अलग से हार्वेस्टिंग पिट बनाने की जरूरत नहीं


जल बोर्ड के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, यह जल संचय करने वाली प्रणाली नई तकनीकों का उपयोग करके बनाई गई ह. बारिश के पानी को जल संचयन करने वाले गड्ढे के बजाए सीधा बोरवेल में भेजती है. इस प्रणाली में बारिश का पानी पाइप के अंदर ही फिल्टर हो जाता है और इसे अलग से फिल्टर सिस्टम या हार्वेस्टिंग पिट बनाने की जरूरत नहीं पड़ती.


पाइप में प्रवाह के दौरान ही पानी हो जाता है फिल्टर


इनलाइन रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम में बारिश के पानी का पाइप सीधा एक फिल्टर पाइप से जुड़ा होता है. इस फिल्टर पाइप में जियोटेक्सटाइल की झिल्ली, बालू और बजरी-पत्थर होते हैं, जो पानी को उसके प्रवाह के दौरान ही साफ कर देते हैं. इस फिल्टर की कुल लंबाई लगभग 90 सेंटीमीटर होती है. इस सिस्टम से जुडी जानकरी के लिए दिल्ली के हर जिले में स्थापित दिल्ली जल बोर्ड के जल शक्ति केंद्र से संपर्क किया जा सकता है.


भविष्य में पानी की किल्लत को टालने की हो रही कोशिश


बारिश के पानी का संचयन कर भविष्य में पानी की किल्लत को टालने के प्रयास में दिल्ली सरकार लंबे समय से इसे लोकप्रिय बनाने की कोशिश में जुटी हुई है. इस समय जहां लोगों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता इसके लिए उपलब्ध करवाई जा रही है, वहीं इससे पहले 50 हजार रुपये के अलावा पानी के बिल पर 10 प्रतिशत की छूट भी लोगों को दी जा रही थी. आने वाले समय में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जल की कमी से निपटने का एक प्रबल उपाय हो सकता है.


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