दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के अनुसार दिल्ली में युमना नदी में प्रदूषण काफी बढ़ रहा है. दिल्ली यमुना नदी में इस बढ़ते प्रदूषण के बीच दो जल शोधन संयंत्रों का काम काज भी काफी प्रभावित हुआ है. इसी वजह से दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने हरियाणा से आपात अुनरोध करते हुए एक लेटर लिखा है. जिसमें डीजीबी ने कहा कि दो जल शोधन संयंत्रों के उत्पादन कम होने से दिल्ली के कुछ हिस्सों में जल संकट भी हो गया है, इसलिए दिल्ली जल बोर्ड ने हरियाणा से प्रदूषण रोकने और दिल्ली में जलापूर्ति बढ़ाने के लिए कहा है. 


दिल्ली जल बोर्ड ने हरियाणा के सिंचाई विभाग को लिखे एक पत्र में बताया के जिन हिस्सों में पानी कम हुआ है, उन हिस्सों में नयी दिल्ली नगर परिषद के संस्थागत और दूतावास इलाके आते हैं. दिल्ली जल बोर्ड के अनुसार गुरुवार को यमुना में अमोनिया का स्तर 0.9 पीपीएम की अधिकतम उपचार योग्य सीमा से पांच गुना अधिक था. इसके बाद शुक्रवार को सही रहा लेकिन शनिवार को फिर से प्रदूषण बढ़ने लगा, जिसे लेकर डीजेबी को एसओएस जारी करना पड़ा. वजीराबाद तालाब में अमोनिया का स्तर 7.5ppm तक था, जिससे वजीराबाद और चंद्रवाल ट्रीटमेंट प्लांट में पानी का उत्पादन कम हो गया.


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दिल्ली शहर में प्रतिदिन अनुमानित दैनिक पानी की मांग 1,380 एमजीडी (प्रति दिन मिलियन गैलन) है, जिसमें चंद्रावल ट्रीटमेंट प्लांट दिल्ली को एक दिन में 100 एमजीडी पीने योग्य पानी की आपूर्ति करता है. इसके साथ ही वजीराबाद एक 134 एमजीडी पानी की आपूर्ति करता है.


दिल्ली जल बोर्ड के लेटर में लिखा गया है कि दिल्ली की तपती गर्मी के बीच रमजान का भी महीना है इसलिए पानी की आपूर्ति बनाए रखना आवश्यक है. डीजेबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रविवार को अमोनिया का स्तर कम हुआ, अमोनिया का स्तर घटकर 3.5 पीपीएम हो गया, लेकिन यह अभी भी 0.9 पीपीएम की ट्रीटमेंट योग्य सीमा से तीन या चार गुना अधिक है.