Jamia Millia Islamia University: दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्विद्यालय में छात्रों को अब कोई भी सभा या प्रदर्शन करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन (Jamia administration) से अनुमति लेनी पड़ेगी. यूनिवर्सिटी ने सोमवार को एक नोटिस जारी कर इसके बारे में बताया कि कुछ छात्र अपने राजनीतिक एजेंडे (Political Agenda) को आगे बढ़ाने के लिए कैंपस का इस्तेमाल कर रहे हैं. नोटिस में कहा गया है कि छात्र किसी भी तरह की बैठक या सभा का आयोजन बिना पहले से ली गई अनुमति के नहीं कर सकते. नियम तोड़ने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
रजिस्ट्रार ने क्या कहा
अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक नोटिस में यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार नाजिम हुसैन जाफरी ने कहा है कि, ऐसा पाया गया है कि राजनीतिक दलों से जुड़े कुछ छात्र कैंपस को अपने पॉलिटिकल एजेंडे के लिए इस्तेमाल करते हैं. वे अपने राजनीतिक मकसद के लिए धरना, प्रदर्शन और बॉयकॉट अभियान चलाते हैं. इसकी वजह से कैंपस का शांतिपूर्ण वातावरण डिस्टर्ब होता है. इससे एकेडमिक सत्र में छात्रों की गतिविधियां प्रभावित होती हैं. यह नियम पहले से ही था लेकिन यह दोबारा याद दिलाने के लिए है.
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विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि दुर्भावनापूर्ण और राजनीतिक मकसद से कैंपस के अंदर किए जाने वाले किसी भी तरह के धरना या विरोध प्रदर्शन से दूसरे छात्र जो अनुशासन में रहते हैं और अपना करते हैं उनका काम प्रभावित होता है.
कैंसिल हुआ था सफूरा जरगर का एडमिशन
बता दें कि कल ही जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने शोध कार्य में ‘‘असंतोषजनक’’ प्रगति के की वजह से सामाजिक कार्यकर्ता सफूरा जरगर का प्रवेश रद्द कर दिया था. जरगर को 2020 के दिल्ली दंगों के मामले में गिरफ्तार किया गया था. सफूरा जामिया से एमफिल/पीएचडी स्कॉलर हैं. उन्होंने खुद ही यह जानकारी ट्वीट करके दी थी. सफूरा ने कहा था कि इस बात से उनका दिल जरूर टूटा है, मगर जज्बा नहीं.
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