JNU News: राजधानी दिल्ली में ABP न्यूज़ की खबर का असर हुआ है. पिछले दिनों लगातार हुई बारिश के बाद जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हॉस्टल और इमारतों की जर्जर तस्वीर सामने आयी थी. हॉस्टल के छात्रों ने कमरों में बारिश का पानी टपकने की शिकायत की थी. उनका कहना था कि करंट से अनहोनी का डर है. छात्रों की समस्या को एबीपी न्यूज़ ने प्रमुखता से दिखाया था. एबीपी न्यूज़ पर खबर चलने के बाद जेएनयू प्रशासन ने समस्या को संज्ञान में लिया. अब यूनिवर्सिटी कैंपस में सभी हॉस्टल, क्लास रूम और प्रशासनिक भवन समेत कार्यालयों की मरम्मत का फैसला लिया गया है.


जेएनयू ने जारी किया रिनोवेशन प्लान


रिनोवेशन प्लान जेएनयू के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की तरफ से जारी हुआ है. बताया गया है कि यूनिवर्सिटी के सभी हॉस्टल की मरम्मत, नवीनीकरण के प्लान पर जल्द काम शुरू किया जाएगा. एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आरएस मीणा के हस्ताक्षर से जारी गए पत्र में जानकारी दी गई है कि ना केवल कैंपस में सभी हॉस्टल बल्कि गेस्ट हाउस, क्लास रूम, प्रशासनिक कार्यालय, आवासीय और अन्य भवनों की मरम्मत और नवीनीकरण भी होगा. जेएनयू प्रशासन का कहना है कि इमारतों की मरम्मत और नवीनीकरण के लिए 23 नवंबर 2021 को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) को एक पत्र भेजा गया था.


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यूजीसी ने मंजूर किए 28 करोड़ रुपए


पत्र में 56 करोड़ रुपए के बजट की मांग की गई थी. इस साल 16 जून को यूजीसी की तरफ से अनुरोध का जवाब मिला और बताया गया कि 56 करोड़ रुपए की जगह 28 करोड़ रुपए की राशि जेएनयू को मरम्मत और नवीनीकरण के लिए स्वीकृत की गई है. यूजीसी ने जेएनयू प्रशासन को मरम्मत और नवीनीकरण के लिए कुल राशि में से पहली किस्त 14 करोड़ रुपए आवंटित भी कर दिया है. पहले चरण में जेएनयू के सभी हॉस्टल की मरम्मत और नवीनीकरण का कार्य सीपीडब्ल्यूडी को सौंपा गया है.






फिलहाल ब्रह्मपुत्र हॉस्टल की मरम्मत और वाटर प्रूफिंग का काम 31 अक्टूबर 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा. आनेवाले एक हफ्ते में गंगा, कावेरी और पेरियार हॉस्टल में भी मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा. जेएनयू प्रशासन का कहना है कि साबरमती हॉस्टल के किचन, डाइनिंग हॉल, शौचालयों के नवीनीकरण का काम भी नवंबर की शुरुआत में शुरू हो जाएगा. नवंबर के दूसरे हफ्ते में सेंट्रल लाइब्रेरी के शौचालयों का भी नवीनीकरण का काम  शुरू हो जाएगा.


दूसरे चरण में साबरमती, नर्मदा, सतलुज और झेलम हॉस्टल की मरम्मत होगी. गंगा, कावेरी, पेरियार, नर्मदा, माही, मांडवी, ताप्पी, लोहित और चंद्रभागा हॉस्टल में वाटर प्रूफिंग, शौचालयों, डाइनिंग और किचन की मरम्मत और नवीनीकरण किया जाना है. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बताया है कि दूसरे चरण के काम की सीपीडब्ल्यूडी यूजीसी की स्थायी समिति से मंजूरी लेगी और पूरा बजट आवंटित होने के बाद ही काम शुरू किया जाएगा. हालांकि पहले चरण के अंतर्गत अन्य हॉस्टल में मरम्मत का काम नवंबर तक शुरू होने की संभावना है.


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