JNU की दीवारों पर लिखे विवादित नारे, छात्र बोले- माहौल खराब करने का प्रयास
Delhi News: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की तरफ से वामपंथी दलों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. इसके साथ ही वामपंथी छात्र संगठन AISA ने इस घटना की निंदा की है.
JNU News: देश की प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में है. बीते गुरुवार 30 नवंबर को जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज - 2, स्कूल ऑफ लैंग्वेज कल्चरल और एजुकेशनल स्टडीज- 2 सहित अन्य विभागों के दीवारों पर जाति विशेष टिप्पणी के बाद विवाद गहराता हुआ नजर आ रहा है. वैसी अभी तक छात्रों द्वारा ये शरारती तत्वों द्वारा माहौल खराब करने की साजिश बताई जा रही है लेकिन JNU प्रशासन ने इस पर संज्ञान ले लिया है.
जेएनयू के दीवारों पर लिखे विवादित नारे
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में शरारती तत्वों द्वारा दीवारों पर ब्राम्हण भारत छोड़ो- बनिया भारत छोड़ो के नारे लिख गए. इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को भी निशाना बनाया गया. इसके अलावा अंग्रेजी भाषा में जाति विशेष शब्दों का प्रयोग करते हुए यह लिखा गया है कि मैं यहां तुम्हारे लिए आया हूं, जेएनयू छोड़ो भारत छोड़ो.
ABVP ने वामपंथी दलों को ठहराया जिम्मेदार
इस घटना के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है जहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की तरफ से वामपंथी दलों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है तो वहीं वामपंथी छात्र संगठन AISA ने इस घटना की निंदा की है. इस घटना के माध्यम से छात्रों के मुद्दे से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया है.
जेएनयू प्रशासन ने दिया जांच का आदेश
जेएनयू परिसर के दीवारों पर जाति विशेष को लेकर लिखे गए विवादित टिप्पणी पर कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री डी पंडित ने स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज और शिकायत समिति के डीन को मामले की जांच कर जल्द से जल्द रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है. इसके अलावा यह भी कहा है कि विश्वविद्यालय समानता में विश्वास रखता है, ऐसी घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
JNU छात्र बोले माहौल खराब करने का प्रयास
एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान जेएनयू पीएचडी की छात्रा शांभवी शुक्ला ने कहा कि दीवारों पर लिखी ऐसी टिप्पणी विश्वविद्यालय का माहौल खराब करने का प्रयास है जिसके बाद साथी छात्रों में भी इसको लेकर नाराजगी है. विश्वविद्यालय प्रशासन को जल्द से जल्द इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. अपनी योग्यता के आधार पर छात्र-छात्राओं को यहां प्रवेश मिलता है जिन्हें यहां अच्छे माहौल में पढ़ने का एक बेहतर अवसर प्राप्त होता है. हालांकि शरारती तत्वों द्वारा ऐसा लिखकर यहां के अच्छे माहौल को दूषित करने का प्रयास किया जा रहा है.