Delhi News: काले खां का रैपिड स्टेशन विश्वस्तरीय ट्रांसपोर्ट हब के साथ पर्यावरण फ्रेंडली भी होगा, मिलेंगी शानदार सुविधाएं
Rapid Train: काले खां स्टेशन पर बारिश के पानी के संचयन के लिए पूर्व निर्धारित प्रक्रिया का पालन होगा. साथ ही कचरा निस्तारण सहित पर्यावरण को बेहतर बनाने वाले अन्य जरुरी कदम भी यहां उठाए जा रहे हैं.
Kale Khan Rapid Station: रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) का सराय काले खां स्टेशन अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त ही नहीं होगा बल्कि यह ईको फ्रेंडली भी होगा. यानी कि खां स्टेशन पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा रहा है. दिल्ली गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के इस सबसे बड़े स्टेशन को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आइजीबीसी) की उच्चतम रेटिंग के हिसाब से डिजाइन किया जा रहा है. इसी के हिसाब से स्टेशन को बनाया जा रहा है. इसके तहत स्टेशन पर सौर ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए सोलर पैनल लगाए जाएंगे.
स्टेशन पर ये सुविधाएं होंगी
इसके साथ ही काले खां स्टेशन पर बारिश के पानी के संचयन के लिए पूर्व निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाएगा. साथ ही कचरा निस्तारण सहित पर्यावरण को बेहतर बनाने वाले अन्य जरुरी कदम भी यहां उठाए जा रहे हैं. सराय काले खां स्टेशन आरआरटीएस कॉरिडोर का केंद्रीय स्टेशन होगा, जहां से वर्तमान में मेरठ के लिए कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है. आने वाले समय में यहीं से दिल्ली-एसएनबी और दिल्ली-पानीपत के लिए भी दो अलग कॉरिडोर बनाए जाएंगे. इसके लिहाज से अन्य स्टेशनों की तुलना में इस स्टेशन की उपयोगिता अपने अब ही बढ़ जाती है.
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सड़क से ज्यादा सुरक्षित होगा सफर
हालांकि, आरआरटीएस कॉरिडोर के सभी स्टेशनों को आइजीबीसी की हाइएस्ट रेटिंग के अनुरूप तैयार किया जा रहा है. लेकिन सबसे बड़ा स्टेशन होने के कारण सराय काले खां स्टेशन अन्य आरआरटीएस स्टेशनों के लिए आइजीबीसी की उच्च रेटिंग का सबसे बेहतर उदाहरण होगा. सराय काले खां स्टेशन से पूरे आरआरटीएस नेटवर्क पर दौड़ने वाली ट्रेनें बिजली से चलेंगी और हरित परिवहन साधन होंगी. यह जीवाश्म ईंधन आधारित सड़क परिवहन से ज्यादा सुरक्षित, गतिशील और विश्वसनीय होंगी.
काले खां स्टेशन विश्वस्तरीय ट्रांसपोर्ट हब होगा
बता दें कि काले खां स्टेशन विश्वस्तरीय ट्रांसपोर्ट हब और मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन का सर्वश्रेठ उदाहरण होगा, जो यात्रियों के लिए राजधानी क्षेत्र में आसान यात्रा और लास्ट माइल कनेक्टिविटी की सुविधा को संभव बनाएगा. स्टेशन को इस तरह डिजाइन किया गया है कि स्टेशन से बाहर, सड़क पर निकले बिना ही एक से दूसरे परिवहन साधन तक जाया जा सकता है. इसके लिए जगह-जगह अत्याधुनिक और उन्नत तकनीक से निर्मित लिफ्ट, एस्केलेटर, फुट ओवरब्रिज और बनाया जाएगा.