दिल्ली दंगों मामलों के आरोपी और जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका को दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट को खारिज कर दिया है. दिल्ली कड़कड़डूमा कोर्ट ने जमानत याचिक को खारिज करते हुए कहा कि अभी आरोपी को जमानत देने का कोई आधार नहीं है. उमर खालिद सितंबर 2020 से जेल में बंद हैं फिलहाल वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है.


उमर खालिद पर दिल्ली दंगों के चलते गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाया गया है. 17 फरवरी को उमर खालिद को कड़कडूमा अदालत में हथकड़ी में पेश किया गया था, जिसके बाद काफी विरोध हुआ था. इस पर हाल ही में अदालत ने एक आदेश दिया था जिसके बाद उमर खालिद को अदालत में बिना हथकड़ी के पेश करने को कहा गया था.


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साल 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली के दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे. दिल्ली पुलिस ने दिल्ली दंगों की साजिश के लिए उमर खालिद के अलावा कार्यकर्ता खालिद सैफी, जेएनयू के छात्र नताशा नरवाल और देवांगना कलिता, जामिया समन्वय समिति के सदस्य सफूरा जरगर, आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और कई अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.


कोर्ट में उमर खालिद की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिदीप पेस ने तर्क देते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा दायर की गई पूरी चार्जशीट एक मनगढ़ंत है और उनके खिलाफ मामला दो टीवी चैनलों द्वारा चलाए जा रहे वीडियो क्लिप पर आधारित है. दिल्ली में यह हिंसा सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के बाद हुई थी. दिल्ली दंगे की साजिश के लिए 8 लोगों को नामजद किया गया था, अभी तक सिर्फ 6 को ही जमानत मिली है.