Delhi Kedarnath Temple Controversy: दिल्ली में भगवान केदारनाथ के मंदिर निर्माण के फैसले के बीच विरोध के भी स्वर उठने लगे हैं. इस बीच अब केदारनाथ धाम ट्रस्ट, बुराड़ी, दिल्ली के अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सफाई देते हुए कहा है कि दिल्ली में जो मंदिर बनने जा रहा है, वो सिर्फ मंदिर है, धाम नहीं है. केदारनाथ धाम ट्रस्ट, दिल्ली इसका निर्माण कर रही है.


केदारनाथ धाम ट्रस्ट, बुराड़ी के अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने कहा, ''उत्तराखंड सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है. उत्तराखंड के सीएम हमारे अनुरोध पर यहां भूमिपूजन के लिए आए थे. इसका सरकार से कोई लेना-देना नहीं है, वह हमारे व्यक्तिगत अनुरोध पर यहां आए थे.''






मंदिर को लेकर विवाद नहीं होना चाहिए-सुरेंद्र रौतेला
 
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने आगे ये भी कहा, ''हमारे ट्रस्ट का भी उत्तराखंड सरकार से कोई लेना-देना नहीं है. यह ट्रस्ट के सदस्यों के सहयोग से काम कर रहा है. भारत में प्रसिद्ध मंदिरों पर आधारित कई मंदिर हैं. इस पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए. कुछ नेता अपने राजनीतिक लाभ के लिए विवाद पैदा कर रहे हैं."


उत्तराखंड के सीएम ने किया था भूमिपूजन


बता दें कि उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 10 जुलाई को दिल्ली के बुराड़ी में बनने जा रहे श्री केदारनाथ मंदिर का भूमि पूजन किया था. इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा था कि दिल्ली में बाबा केदार के मंदिर के निर्माण से शिव भक्तों की मनोकामना पूरी होगी. इस मंदिर से बाबा के भक्तों और सनातन संस्कृति की आस्था को बल मिलेगा.


दिल्ली में प्रतीकात्मक रूप से भगवान केदारनाथ मंदिर निर्माण के शिलान्यास को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. केदारनाथ धाम से लेकर केदारघाटी के लोगों में विरोध स्वर उठने शुरु हो गए हैं. पुरोहितों से लेकर स्थानीय लोगों और कारोबारियों ने दिल्ली में केदारनाथ के मंदिर निर्माण के फैसले को वापस लेने की मांग की है.


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