Delhi News: पश्चिमी दिल्ली के नांगलोई में मुहर्रम (Muharram) जुलूस के दौरान पुलिसकर्मियों के साथ झड़प और पथराव की घटना में तीन केस दर्ज किया गया है. इस घटना में छह पुलिसकर्मियों समेत 12 लोग घायल हो गए थे.  नांगलोई थानाध्यक्ष प्रभु दयाल, पुलिस कॉन्स्टेबल की शिकायत पर अलग-अलग मामला दर्ज किया गया है.  पुलिस उपायुक्त (बाहरी) हरेंद्र सिंह ने बताया कि घटना सूरजमल स्टेडियम में हुई.


हरेंद्र सिंह ने बताया कि दूसरी प्राथमिकी नांगलोई चौक पर हुई. एक घटना के संबंध में नांगलोई पुलिस थाने के निरीक्षक (कानून-व्यवस्था) नानग राम की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि तीसरी प्राथमिकी नांगलोई में मेट्रो स्टेशन के निकट हुई एक घटना के लिए हेड कॉन्स्टेबल मुकेश कुमार की शिकायत पर दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि सभी तीन मामले रविवार को दर्ज किए गए हैं. दयाल ने पहली प्राथमिकी का हवाला देते हुए बताया कि शनिवार को नांगलोई में कई ताजिया जुलूस निकाले जाने थे. मार्ग और अन्य मुद्दों को लेकर आयोजकों के साथ पहले ही बैठकें की जा चुकी थीं. बाहरी जिले के नांगलोई थाने के अलावा रोहिणी जिले के प्रेम नगर और अमन विहार थाने के पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की गई थी.


मना करने के बाद भी स्टेडियम में घुसने की कोशिश
हरेंद्र सिंह ने बताया कि यह तय किया गया था कि जुलूस मेट्रो स्टेशन से होते हुए सूरजमल स्टेडियम की ओर बढ़ेंगे और नांगलोई डिपो लाल बत्ती से यू-टर्न लेकर वापस अपने निर्धारित स्थान पर लौट आएंगे. प्राथमिकी के मुताबिक, शनिवार दोपहर 12 बजे पहले से निर्धारित मार्गों से विभिन्न इलाकों से अलग-अलग जुलूस आ रहे थे. प्राथमिकी में बताया गया कि रोहिणी जिले के प्रेम नगर और अमन विहार इलाके से कुछ जुलूस शाम करीब पांच बजे किराड़ी गेट को पार कर रोहतक रोड से होते हुए सूरजमल स्टेडियम के सामने पहुंचे. प्राथमिकी के मुताबिक, मौके पर पहुंचने के बाद जुलूस में शामिल लोगों ने पहले से तय मार्ग का पालन करने के बजाय स्टेडियम में प्रवेश करने की कोशिश की.


हथियारों से लैस थे पत्थरबाज- पुलिस
 पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की हुई. प्राथमिकी में बताया गया कि स्टेडियम में प्रवेश की अनुमति नहीं होने के कारण लोगों को वहीं रोक दिया गया. नांगलोई पुलिस थाने के थानाध्यक्ष ने अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर लोगों को शांत करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने लड़ाई शुरू कर दी. प्राथमिकी के अनुसार, जुलूस के आयोजकों ने रिक्शे और ठेलों पर खड़े होकर लोगों को स्टेडियम के अंदर जाने के लिए उकसाना शुरू कर दिया. जुलूस में शामिल लोगों में से कुछ के पास तलवार, चाकू, लाठियां और लोहे की छड़ जैसे हथियार थे. 


पुलिसकर्मी पर चाकू से किया गया हमला
प्राथमिकी में कहा गया है, ''हमारे मना करने पर आयोजकों और उनके समर्थकों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. उनमें से एक के हाथ में चाकू था और उसने उपनिरीक्षक परवीन पर हमला कर दिया. परवीन ने खुद को बचाने के लिए चाकू पकड़ लिया और उन्हें चोट आई है.'' रोहतक मार्ग पर उस वक्त बस, गाड़ियों, दोपहिया और पैदल लोगों सहित बहुत भारी यातायात था. पत्थरबाजी से लोगों और संपत्ति को नुकसान का खतरा पैदा हो गया. प्राथमिकी के मुताबिक, अनियंत्रित भीड़ को पहले चेतावनी दी गई और बाद में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज भी किया ताकि जान-माल की सुरक्षा की जा सके.


वाहन हुए क्षतिग्रस्त
इस दौरान पुलिसकर्मियों और स्वंयसेवकों को भी चोटें आई हैं. प्राथमिकी के मुताबिक, पुलिस और दिल्ली परिवहन निगम के वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. घायल पुलिसकर्मियों और अन्य घायल लोगों को इलाज के लिए मंगोलपुरी स्थित संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस के मुताबिक, मौके पर ढेर सारे पत्थर पड़े पाए गए हैं.


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