Delhi MCD Merger: राजधानी दिल्ली (Delhi) में नगर निगम चुनाव को कराए जाने के बीच केंद्र सरकार की ओर से संसद में तीनों निगमों को एक करने वाला विधेयक पेश किया गया. जिसमें ये बताया गया कि आखिरकार क्यों तीनों निगमों को एक करना जरूरी है और तीनों निगमों को एक करने से निगम को क्या फायदा होगा. हालांकि, दिल्ली की अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार लगातार इसका विरोध कर रही है. केजरीवाल सरकार का कहना है कि तीनों निगमों का एकीकरण केवल एक बहाना है केंद्र सरकार चुनाव (Election) टालना चाहती है और निगम को अपने अधीन करना चाहती है.


दी गई अहम बातों की जानकारी 
वहीं, संसद में तीनों निगम को एक किए जाने के लिए जो विधेयक पेश किया गया है उसमें कई अहम बातों की जानकारी दी गई है. जब तीनों निगमों को एक कर दिया जाएगा तो मौजूदा समय में नॉर्थ, साउथ, ईस्ट एमसीडी का नाम हटाकर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ऑफ दिल्ली (एमसीडी) कर दिया जाएगा. इसके साथ ही सबसे अहम ये है कि मौजूदा समय में जहां तीनों निगमों को मिलाकर कुल 272 वार्ड हैं, उन्हें घटाकर 250 के जाने की बात कही गई है. इसे लेकर दिल्ली सरकार का कहना है कि इसका अर्थ परिसीमन है, यानी कि कोई चुनाव नहीं होंगे और केंद्र सरकार निगम को अपने अधीन ले लेगी.


क्यों है जरूरी 
इसके साथ ही इस विधेयक में ये भी बताया गया है कि तीनों निगमों को एक करना क्यों जरूरी है? जिसमें सबसे अहम कारण आर्थिक स्थिति को मजबूत करना बताया गया है. इससे पहले साल 2011 में 10 साल पहले दिल्ली सरकार ने एमसीडी एक्ट में संशोधन कर निगम को 3 भागों में विभाजित किया था, जिसमें दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, पूर्वी दिल्ली नगर निगम, उत्तरी दिल्ली नगर निगम किया गया था. अब जब दोबारा से तीनों निगमों को एक किए जाने का प्रस्ताव केंद्र की ओर से दिया गया है, तो उसमें केंद्र दोबारा से एमसडी एक्ट में संशोधन कराएगी. 2011 में दिल्ली सरकार ने एमसीडी एक्ट-1957 में संशोधन कर निगम की सभी शक्तियां अपने पास रखी थी, जिसमें वार्ड का निर्धारण, वार्ड रिजर्वेशन, जोन का विभाजन, कर्मचारियों का वेतन और भत्तों का निर्धारण, म्युनिसिपल फंड में गड़बड़ी पर कार्रवाई का अधिकार ये सभी शक्तियां दिल्ली सरकार के पास थी, लेकिन यदि तीनों निगम को एक कर दिया जाएगा तो ये सभी शक्तियां एमसीडी कमिश्नर के पास होंगी.


दिल्ली सरकर कर रही है विरोध 
इसके साथ ही केंद्र सरकार की ओर से संसद में पेश किए गए विधेयक में कई अहम बदलावों की बात की गई है. ये विधेयक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में पेश किया. जिसमें की घरों में सफाई करने वाले कर्मचारियों को 14 दिनों के नोटिस देकर हटाने का जो प्रावधान है उसे खत्म कर सभी सफाई कर्मचारियों को लगभग पक्का किए जाने की बात कही है. ऐसे ही कई अहम बदलावों के साथ ये विधेयक संसद में पेश किया गया है. हालांकि इसको लेकर दिल्ली सरकार लगातार विरोध कर रही है. दिल्ली सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार केवल चुनाव टालने के लिए इस तरीके के विधेयक लेकर आ रही है, जिससे ये साफ है कि हो सकता है कि आने वाले समय में एमसीडी केंद्र सरकार चलाएगी, जो संविधान के खिलाफ है और अगर इसको लेकर जरूरत पड़ती है तो दिल्ली सरकार कोर्ट तक जाएगी.


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