MCD News Today: दिल्ली नगर निगम के विरुद्ध फर्जी मुकदमा दायर करना निगम के ही एक कर्मचारी को उस समय भारी पड़ गया जब लेबर कोर्ट ने उस पर 45 हजार रुपये का जुर्माना ठोक दिया. लेबर कोर्ट के श्रमायुक्त ने एमसीडी कर्मी के केस को फर्जी साबित होने के बाद उस पर जुर्माना लगाने का फैसला लिया. इस घटना के बाद से एमसीडी के कर्मचारी सकते में हैं. 


दरअसल, एमसीडी के एक कर्मचारी ने बकाया राशि के भुगतान के लिए निगम के विरुद्ध लेबर कोर्ट में अलग-अलग वर्षों में तीन मुकदमे दर्ज किए थे, जिसे फर्जी पाते हुए निगम अधिकारियों ने इससे संबंधित जानकारियों को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया. लेबर कोर्ट ने उन जानकारियों को सही पाते हुए निगम कर्मचारी को जुर्माने की राशि सहित दंडित किया. 


लेबर कोर्ट के उपायुक्त (श्रम) बादल कुमार ने बताया कि यह मामला शाहदरा दक्षिणी क्षेत्र का है. इस क्षेत्र में कार्यरत एमसीडी के कर्मचारी ने अपनी बकाया राशि के भुगतान के लिए निगम के विरुद्ध लेबर कोर्ट में अलग-अलग वर्षों में तीन प्रतिवाद दाखिल किए. 


एमसीडी कर्मचारी के इस रुख को निगम के अधिकारियों ने गंभीरता से लिया. मामले की जांच के बाद उसके मुकदमे को फर्जी पाया गया. उसके बाद शाहदरा दक्षिणी क्षेत्र के निगम अधिकारियों ने फर्जी मामले से संबंधित जानकारियों को लेबर कोर्ट के सामने पेश किया. इसके बाद श्रमायुक्त ने एमसीडी के कर्मचारी पर 45 हजार रुपए का भारी जुर्माना लगाया है.


फर्जी केस वापस लें एमसीडी कर्मी 


इस घटना के बाद दिल्ली नगर निगम ने फर्जी दावों की निगरानी के लिए अपनाए गए तौर तरीकों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अब निगम ने ऐसे मामलों की निगरानी के लिए एक मजबूत ऑनलाइन निगरानी तंत्र बनाया है. बेहतर तकनीक का इस्तेमाल कर दिल्ली नगर निगम कर्मचारियों की बायोमेट्रिक आईडी के माध्यम से फर्जी दावों की पहचान करेगा. 


इस घटना के बाद सकते में आए दिल्ली नगर निगम अफसरों ने लेबर कोर्ट में फर्जी मुकदमा दायर करने वाले कर्मचारियों से आग्रह किया है कि वो फर्जी दावों से संबंधित मामले वापस ले लें. ऐसा नहीं करने पर दिल्ली नगर निगम दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी वैधानिक एवं प्रशासनात्मक कार्रवाई करेगा.


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