Delhi Land Scam: दिल्ली के एलजी का बड़ा एक्शन, इन दो बड़े अधिकारियों को किया सस्पेंड
Delhi News: उपराज्यपाल ने गृह मंत्रालय से अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात नागेंद्र शेखर पति त्रिपाठी नाम के एक और अधिकारी को घोटाले में शामिल होने के आरोप में निलंबित करने की सिफारिश की है.
Delhi Land Scam News: दिल्ली (Delhi) के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (LG Vinai Kumar Saxena) के निर्देश पर दो उप-मंडल मजिस्ट्रेट और एक उप सचिव को निलंबित कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि तीनों अधिकारी आउटर दिल्ली में एक जमीन घोटाले में शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने गृह मंत्रालय से अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात नागेंद्र शेखर पति त्रिपाठी नाम के एक और अधिकारी को भी घोटाले में शामिल होने के आरोप में निलंबित करने की सिफारिश की है.
नागेंद्र शेखर पति त्रिपाठी पर 2015 और जून 2021 के बीच निजी व्यक्तियों के हाथों केंद्र सरकार की जमीन की बिक्री आरोप है. सूत्रों के अनुसार सभी चार अधिकारी सालों से अलीपुर के एसडीएम कार्यालय पर कब्जा कर रहे थे और कथित तौर पर जमीन के छोटे खंड की अवैध बिक्री में लगे हुए थे, जिसका मूल मालिक विभाजन के दौरान पाकिस्तान चला गया था. चार अधिकारियों- हर्षित जैन, प्रकाश चंद ठाकुर, देवेंद्र शर्मा और नागेंद्र शेखर पति त्रिपाठी ने अलीपुर के एसडीएम रूप में अपने कार्यकाल के दौरान आर्थिक लाभ के लिए निजी व्यक्तियों या संस्थाओं को सरकारी भूमि का स्वामित्व देने का आदेश पारित किया था.
करमू नाम के शख्स की थी जमीन
जानकारी के मुताबिक देवेंद्र शर्मा ने जून 2015 में एक ही दिन में अलग-अलग आदेशों में सरकारी जमीन पर निजी व्यक्तियों को स्वामित्व के अधिकार दिए, जबकि प्रकाश चंद ठाकुर ने जून 2019 में भूमि का अधिकार दिया. वहीं नवंबर 2019 में अलग-अलग आदेशों में नागेंद्र शेखर पति त्रिपाठी ने भूमि के स्वामित्व के अधिकार दिए थे और जून 2021 में हर्षित जैन ने भी ऐसा ही किया था. एक सूत्र के अनुसार ये सभी जमीन करमू नाम के एक व्यक्ति के थे और उत्तरी दिल्ली के झंगोला गांव में थे.
21 जून को जारी किए गए थे निलंबन के आदेश
पाकिस्तान में उनके प्रवास के बाद भूमि को 'निकासी संपत्ति' घोषित किया गया था और इसका स्वामित्व कानूनी रूप से केंद्र सरकार में निहित था. सूत्र ने बताया कि हर्षित जैन, प्रकाश चंद ठाकुर, देवेंद्र शर्मा के निलंबन के आदेश 21 जून को जारी किए गए थे, जबकि उपराज्यपाल ने नागेंद्र शेखर पति त्रिपाठी को निलंबित करने की सिफारिश की है, जो एक चयन-ग्रेड अधिकारी हैं, जो उनके मामले में सक्षम प्राधिकारी हैं. आने वाले दिनों में और अधिक सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जो इन मामलों में शामिल थे.
अवैध निर्माण को किया जाएगा ध्वस्त
सूत्रों ने कहा कि सरकार उस जमीन को भी वापस ले लेगी, जिसे अवैध रूप से निजी संस्थाओं को बेच दिया गया है और वहां किसी भी अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया जाएगा. बुधवार को प्रकाश चंद ठाकुर, वसंत विहार के एसडीएम हर्षित जैन और विवेक विहार के एसडीएम देवेंद्र शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई थी.
एलजी ने भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाया
प्रकाश चंद ठाकुर के खिलाफ शिकायत उनकी पिछली पोस्टिंग से संबंधित है. सूत्रों ने कहा कि एलजी की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की प्रतिबद्धता और सरकार के कामकाज में ईमानदारी सुनिश्चित करने के अनुरूप उनके खिलाफ आरोपों की जांच पूरी होने से पहले अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है.
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