MCD के बताए आंकड़ों से ज्यादा निकला गाजीपुर-भलस्वा लैंडफिल का क्षेत्र, एक बार और होगा सर्वेक्षण
Ghazipur-Bhalswa Landfill: सर्वेक्षण के दौरान दिल्ली के भलस्वा में लैंडफिल का साइट क्षेत्र 78.5 एकड़ पाया गया, जबकि दिल्ली नगर निगम ने इसे 70 एकड़ बताया था.
Ghazipur-Bhalswa Landfill: दिल्ली (Delhi) के गाजीपुर (Ghazipur) और भलस्वा लैंडफिल (Bhalswa Landfill) साइटों पर हाल ही में किए गए ड्रोन सर्वेक्षणों से पता चला है कि लैंडफिल द्वारा कब्जा किया गया वास्तविक क्षेत्र दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) के पहले की रिपोर्ट की तुलना में ज्यादा है. गाजीपुर लैंडफिल ड्रोन सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार वास्तविक साइट क्षेत्र लगभग 75 एकड़ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उपलब्ध रिकॉर्ड / रिपोर्ट और एमसीडी अधिकारियों के साथ चर्चा के अनुसार गाजीपुर लैंडफिल का साइट क्षेत्र 70 एकड़ बताया गया है. सर्वेक्षण के दौरान भलस्वा में लैंडफिल का साइट क्षेत्र 78.5 एकड़ पाया गया, जबकि एमसीडी ने इसे 70 एकड़ बताया था.
एमसीडी ने साइट पर कचरे की मात्रा के आकलन, ढलानों के विश्लेषण, लैंडफिल की स्थिति के समय-स्थान पर मुहर लगे फोटोग्राफिक रिकॉर्ड और आवधिक डेटा संग्रह के माध्यम से लैंडफिल में परिवर्तनों को मापने के लिए ड्रोन सर्वेक्षण करने के लिए एक सलाहकार नियुक्त किया था. 2020 में दो डंपसाइट्स का क्षेत्र भी पूर्व और उत्तरी एमसीडी द्वारा एनजीटी को 70 एकड़ के रूप में प्रस्तुत किया गया था. रिपोर्ट के अनुसार सलाहकार ने गाजीपुर लैंडफिल का ढलान विश्लेषण भी किया, जो इसकी स्थिरता को समझने में मदद करता है. रिपोर्ट में बताया गया है कि ढलान सामान्य रूप से 30 डिग्री से 45 डिग्री तक अलग होता है. लैंडफिल में भी 45 डिग्री से 60 डिग्री की खड़ी ढलान होती है और खुदाई के कारण स्थानों पर ढलान 90 डिग्री तक होती है. इसमें कहा गया है कि ये क्षेत्र लैंडफिल साइट पर चट्टानों की तरह हैं.
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अक्टूबर में फिर होगा भलस्वा में हवाई सर्वेक्षण
रिपोर्ट के अनुसार गाजीपुर लैंडफिल की ऊंचाई जमीन से 65 मीटर और भलस्वा में 62 मीटर पाई गई. एक और हवाई सर्वेक्षण सितंबर में गाजीपुर में और अक्टूबर में भलस्वा में किया जाएगा, ताकि साइट पर सुधार की प्रगति का पता लगाने के लिए कचरे की मात्रा और ढलान में परिवर्तन का निर्धारण किया जा सके. इस साल की शुरुआत में एनजीटी द्वारा गठित एक संयुक्त समिति और दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस पी गर्ग की अध्यक्षता में हाल ही में हुई एक बैठक में कहा गया था कि समिति को शुरू से ही सूचित किया गया था कि भलस्वा लैंडफिल साइट का कुल क्षेत्रफल लगभग 70 एकड़ था. यह स्पष्ट नहीं है कि किस आधार और दस्तावेजों के आधार पर 70 एकड़ के लिए डंप साइट का क्षेत्र निर्धारित किया गया था.
78.47 एकड़ आंका गया डंप साइट का क्षेत्रफल
ड्रोन सर्वे रिपोर्ट में डंप साइट का क्षेत्रफल 78.47 एकड़ आंका गया है. यह भौतिक असंगति अस्पष्ट बनी हुई है. समिति का सुझाव है कि आयुक्त, एमसीडी को लैंडफिल साइट के सटीक क्षेत्र का पता लगाने के लिए प्रासंगिक दस्तावेज एकत्र करने चाहिए, ताकि डंप साइट पर कचरा हटाने के लिए भविष्य की उचित योजना बनाई जा सके. गौरतलब है कि इस साल जून से ड्रोन सर्वेक्षण रिकॉर्ड राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के समक्ष प्रस्तुत रिपोर्ट के हिस्से के रूप में प्रस्तुत किए गए थे.
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