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Delhi: ओखला लैंडफिल साइट पर नहीं जाएगा अब आपके घर का कचरा, 2 साल में खत्म होगा कूड़े का पहाड़
Okhla Landfill: सांसद रमेश बिधूड़ी ने बताया कि ओखला लैंडफिल साइट पर इस वक्त 30 हजार मीट्रिक टन कूड़ा जमा हो रखा है. यहां से रोजाना 500 मीट्रिक टन तक कूड़ा वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में डाला जाएगा.
Okhla Landfill: दिल्ली (Delhi) के तीन बड़े लैंडफिल साइट में से एक दक्षिणी दिल्ली (Sauth Delhi) स्थित ओखला लैंडफिल साइट के पास में दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) की ओर से वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का निर्माण किया गया है. इसका उद्घाटन गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने किया. इस प्लांट पर कूड़े से बिजली बनाने का काम किया जाएगा. बीजेपी (BJP) का दावा है कि इस प्लांट के जरिए कूड़े का जल्द से जल्द निस्तारण होगा और आने वाले 2 साल में इस कूड़े के पहाड़ को खत्म कर दिया जाएगा.
दक्षिण दिल्ली से सांसद रमेश बिधूड़ी ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए बताया कि साल 2019 में इस प्लांट के निर्माण का काम शुरू हुआ था और इस साल 2022 में यह प्लांट बनकर तैयार है. इसके बाद 20 अक्टूबर 2022 को इस प्लांट को शुरू कर दिया गया है. यहां पर रोजाना 2 हजार मीट्रिक टन कूड़े से बिजली बनाने का काम किया जाएगा. ओखला लैंडफिल साइट पर आने वाले पहाड़ के पास इकट्ठा नहीं किया जाएगा, बल्कि इस प्लांट के जरिए उसे खत्म किया जाएगा, जिससे कि पहाड़ के पास कूड़ा इकट्ठा नहीं होगा. ऐसे में यह उम्मीद है कि आने वाले 2 सालों में इस पहाड़ को खत्म कर दिया जाएगा.
ओखला लैंडफिल साइट पर जमा है 30 हजार मीट्रिक टन कूड़ा
सांसद रमेश बिधूड़ी ने बताया कि ओखला लैंडफिल साइट पर इस वक्त 30 हजार मीट्रिक टन कूड़ा जमा हो रखा है. यहां से रोजाना धीरे-धीरे करते हुए 500 मीट्रिक टन तक कूड़ा इस प्लांट में डाला जाएगा और उससे बिजली बनेगी. इसके अलावा रोजाना लैंडफिल साइड पर आने वाले कूड़े को पुरानी लैंडफिल साइट पर इकट्ठा नहीं किया जाएगा, जिससे कि कुल मिलाकर 2,000 मीट्रिक टन तक कूड़ा इस प्लांट के जरिए खत्म होगा, उससे बिजली बनाने का काम किया जाएगा और रोजाना 25 मेगावाट तक बिजली बनेगी.
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25,000 घरों को मिलेगी कूड़े से बनी ग्रीन एनर्जी
इसके साथ ही दिल्ली नगर निगम की ओर से जानकारी देते हुए पीएनआई के डायरेक्टर अमित कुमार ने बताया ओखला लैंडफिल साइट के पास बनाए गए इस वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में रोजाना 2000 मीट्रिक टन कूड़े के जरिए 25 मेगावाट ग्रीन एनर्जी बनाई जाएगी, जिससे कि 25,000 घरों को बिजली मिलेगी. साथ ही उन्होंने बताया कि यह प्लांट मॉडर्न टेक्नोलॉजी के साथ तैयार किया गया है. इससे किसी भी तरीके का प्रदूषण नहीं निकलेगा और न ही यह मिट्टी को किसी तरीके का नुकसान पहुंचाएगा.
प्लांट में किया जा सकेगा 30 हजार मीट्रिक टन तक कूड़ा
इसके साथ ही इस प्लांट में 30,000 मीट्रिक टन तक कूड़ा स्टोर करने की भी व्यवस्था की गई है. यह कूड़ा अंडरग्राउंड पीट में स्टोर किया जा सकेगा. यहां से कूड़े का रोजाना इस्तेमाल करते हुए बिजली बनाई जाएगी. उन्होंने बताया कि रोजाना ओखला लैंडफिल साइट से कूड़े का निस्तारण किया जा रहा है. 77 हजार मीट्रिक टन तक कूड़ा एमसीडी की तरफ से खत्म किया जा चुका है. हम लोगों से भी अपील कर रहे हैं यहां से कई लोग अलग-अलग काम के लिए मुफ्त में कूड़ा भी लेकर गए हैं. साथ ही हमने एक सीमेंट कंपनी के साथ समझौता भी किया है, जो कि हर महीने यहां से 100 मीट्रिक टन आरडीएफ लेकर जा रही है.
लैंडफिल साइट के नजदीक से निकलने पर नहीं आएगी कूड़े की बदबू
इस प्लांट की खूबी बताते हुए अमित कुमार ने बताया अक्सर लैंडफिल साइट के आस-पास रहने वाले लोगों को यहां आने वाली बदबू से काफी समस्या रहती है. गंदगी का अंबार कीचड़ की परेशानी भी बनी रहती है, लेकिन प्लांट पर इस तरीके का इंतजाम किया गया है कि कूड़े की बदबू नहीं आएगी. कूड़े को स्टोर करके रखा जा सकेगा, लेकिन उस से बदबू नहीं आएगी. इसके साथ ही अंडर ग्राउंड वाटर में पानी के साथ जो कचड़ा जाता है, वह समस्या भी नहीं होगी.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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