Delhi Crime News: दिल्ली में किराए पर मकान देने के नाम पर सैकड़ों लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले दो शातिर जालसाज—राजू सिंह और रीमा जायसवाल को आर्थिक अपराध शाखा ने धर दबोचा है.
ये ठग खुद को मकान मालिक बताकर भोले-भाले किराएदारों से लाखों की सुरक्षा राशि (Security Money) वसूलते थे. पैसा मिलते ही, वे असली मकान मालिकों को सामने लाकर किराएदारों को बेदखल करवा देते थे, जिससे कई लोग अचानक बेघर हो गए.
ठगी का खुलासा ऐसे हुआ
इस धोखाधड़ी का पर्दाफाश तब हुआ जब सुखबीर सिंह नामक व्यक्ति ने 28 मई 2023 को आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराई. बुराड़ी के लाल दरवाजा इलाके में रहने वाले धर्म सिंह ने भी इसी तरह ठगे जाने की शिकायत बुराड़ी थाने में दर्ज कराई.
धर्म सिंह ने पुलिस को बताया कि उसने तोमर कॉलोनी, बुराड़ी में रहने वाले एक व्यक्ति से 4 लाख रुपये की सुरक्षा राशि पर लाल दरवाजा इलाके में एक फ्लैट किराए पर लिया था. सौदा पक्का करने के लिए दोनों के बीच कागजी कार्रवाई भी हुई और बैंक के जरिए 3.88 लाख रुपये का भुगतान किया गया. लेकिन बाद में पता चला कि यह फ्लैट न तो उसके सौदे में शामिल व्यक्ति का था और न ही आरोपी रोहन सिंह का, बल्कि असली मालिक सुंदरेश्वर कुमार सुमन था.
जब धर्म सिंह ने आरोपी से अपने पैसे वापस मांगे, तो उसे धमकियां मिलने लगीं. जांच में सामने आया कि इस तरह की ठगी का शिकार हुए 100 से अधिक लोगों ने पहले ही शिकायत दर्ज कराई थी. कुल मिलाकर, आरोपियों ने 3 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की थी.
कैसे चलाते थे ठगी का खेल?
जांच में पता चला कि इस पूरे फर्जीवाड़े के पीछे असली मास्टरमाइंड राजू सिंह और रीमा जायसवाल थे. ये दोनों खुद को संपत्ति का मालिक बताकर लोगों से मोटी रकम बतौर सुरक्षा राशि वसूलते थे. कई मामलों में, वे संपत्ति के असली मालिकों को कुछ समय के लिए किराया देते थे ताकि संदेह न हो, लेकिन बाद में किराया देना बंद कर देते. इससे असली मकान मालिक भी परेशानी में आ जाते, क्योंकि उनकी संपत्तियां अवैध रूप से किराए पर दे दी जाती थीं.
पुलिस ने ऐसे दबोचा
पुलिस ने बैंक स्टेटमेंट और अन्य दस्तावेजों की जांच की, जिससे शिकायतकर्ताओं द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि हुई. इसके बाद, आर्थिक अपराध शाखा ने ठगों के ठिकानों पर छापेमारी कर राजू और रीमा को गिरफ्तार कर लिया.