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दिल्ली में बदले वेकेशन बेंच के नियम? लॉ एसोसिएशन ने जताई चिंता
CM Arvind Kejriwal: दिल्ली में वेकेशन बेंच के लिए आदेश जारी किया गया है कि वे किसी भी मामले में अंतिम फैसला ना दें. इसको लेकर अब दिल्ली के लॉ एसोसिएशन ने बड़ा सवाल किया है.
![दिल्ली में बदले वेकेशन बेंच के नियम? लॉ एसोसिएशन ने जताई चिंता Delhi Law Association has voiced concern over an internal order instructing Vacation Benches दिल्ली में बदले वेकेशन बेंच के नियम? लॉ एसोसिएशन ने जताई चिंता](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/03/1cfac2fa76014e15c18099bc3d9069821719991917189490_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Delhi News: दिल्ली लॉ एसोसिएशन (Law Association) ने राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) के डिस्ट्रिक्ट जज से मुलाकात की. एसोसिएशन ने वेकेशन बेंचों को फाइनल ऑर्डर देने की बजाय मामलों को अवकाश के बाद नियमित बेंचों को सौंपने के इंटरनल ऑर्डर पर चिंता जताई. दिल्ली लॉ एसोसिएशन का कहना है कि वेकेशन बेंचों को भी नियमित बेंचों की तरह अंतिम फ़ैसले देने का अधिकार है. इस प्रशासनिक आदेश से कोर्ट के कामकाज पर प्रभाव पड़ेगा. अवकाश के दौरान वेकेशन बेंच सुनवाई करती है ताकि मामले जल्दी निपटाए जा सकें.
यह आदेश ऐसे समय में आया है जब 20 जून 2024 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिली थी. इसने वकीलों में चिंता पैदा कर दी और उनका मानना है कि इससे न्यायपालिका की क्षमता पर प्रभावित होगी. एसोसिएशन ने तीस हजारी जिला अदालत के नाम चिट्ठी में लिखा है, ''राउज एवेन्यू कोर्ट और अन्य अदालतों में प्रैक्टिस कर रहे वकीलों ने शिकायत की है. उन्होंने दिल्ली की जिला अदालतों के अभूतपूर्व अभ्यास पर चिंता जाहिर की है.''
आदेश को लेकर एसोसिएशन ने कही यह बात
लॉ एसोसिएशन ने कहा, ''राऊज एवेन्यू कोर्ट की विशेष जज न्याय बिंदू ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत दी थी. उन्होंने अपने आदेश में यह उल्लेख किया था कि सीजेआई ने यह बार-बार कहा है कि निचली अदालतों को त्वरित और ठोस फैसले लेने की जरूरत है ताकि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट केस से न भर जाएं. हालांकि कई वकीलों ने शिकायत की है कि जज न्याय बिंदू द्वारा दिए गए आदेश के तुरंत बाद राऊज एवेन्यू कोर्ट के प्रभारी जज ने आंतरिक प्रशासनिक आदेश जारी किया कि कोई भी वेकेशन बेंच किसी मामले में अंतिम फैसला नहीं देगा.''
एसोसिएशन ने कहा कि इस तरह का आदेश प्रशासनिक तौर पर और प्रक्रिया के तहत अनियमितता है और न्याय का उपहास है. वेकेशन कोर्ट का पूरा उद्देश्य ही यह होता है कि वेकेशन के द्वारा मामले में सुनवाई करे. अगर इस तरह के आदेश पारित किए जाते हैं तो वेकेशन कोर्ट का उद्देश्य ही खत्म हो जाता है. आदेश की टाइमिंग से भी सवाल उठता है कि कहीं यह सीएम केजरीवाल को जमानत दिए के बाद तो नहीं लिया गया है. देश के नागरिक उम्मीद और भरोसे के साथ कोर्ट आते हैं. इस भरोसे को न्यायपालिक द्वारा बरकरार रखने की जरूरत है. हमें उम्मीद है कि इसमें तुरंत सुधार किया जाएगा.
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