Delhi: हिंसक घटनाओं को लेकर CM केजरीवाल से दिल्ली के वकील, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लाने की रखी मांग
Advocate Protection Act: दिल्ली में वकील वीरेंद्र कुमार नरवाल की दिन-दहाड़े हत्या समेत मारपीट की विभिन्न घटनाओं का जिक्र करते हुए ‘दिल्ली एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट’ लाने की भी मांग की गई.
Delhi Lawyer News: दिल्ली के अंदर वकीलों के खिलाफ आए दिन हो रही हिंसक घटनाओं को लेकर वकीलों ने अपनी चिंता आज (8 अप्रैल) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने रखी. इस दौरान दिल्ली के सभी जिला कोर्ट बार एसोसिएशन की समन्वय समिति के प्रतिनिधियों ने सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की और वकीलों पर हो रहे हमले के मामले पर उनसे सहयोग मांगा. साथ ही 01 अप्रैल 2023 को दिल्ली में वकील वीरेंद्र कुमार नरवाल की दिन-दहाड़े हत्या समेत मारपीट की विभिन्न घटनाओं का जिक्र करते हुए ‘दिल्ली एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट’ लाने की भी मांग की.
सीएम ने किया मदद का वादा
सीएम अरविंद केजरीवाल से मिलने पंहुचे वकीलों ने कहा कि हाल की एक घटना से दिल्ली में वकील साथी अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं और एक ‘एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट’ की मांग कर रहे हैं. इस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेरा वादा है कि दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में जो भी है, वह हर संभव मदद करेंगे. इस दौरान समन्वय समिति के प्रतिनिधियों द्वारा सीएम अरविंद केजरीवाल को एक मांग पत्र भी सौंपा गया, जिसमें कहा गया है कि वकील न्याय वितरण प्रणाली के जरूरी अंगों में से एक हैं. इसके बावजूद आज तक वकीलों को उचित सुरक्षा या कोई विशेषाधिकार नहीं दिया गया है, जबकि पुलिस और न्यायपालिका को सामाजिक सुरक्षा, संरक्षण और विशेषाधिकार मिले हैं.
सीएम केजरीवाल को दिए गए मांग पत्र में वकीलों ने कहा कि दिल्ली की अदालतों के अंदर और बाहर वकीलों के विपरीत मुवक्किलों द्वारा हत्याओं, हिंसक हमलों, गंभीर चोटों, डराने-धमकाने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं का एक लंबा इतिहास रहा है. अब देखने में आ रहा है कि वकीलों पर हमले और कानूनी पेशेवरों पर झूठे आरोप लगाने के मामले कई गुना बढ़ गए हैं. इस साल भी 01 अप्रैल 2023 को दिल्ली में वकील वीरेंद्र कुमार नरवाल की दिन-दहाड़े हत्या सहित मारपीट की विभिन्न घटनाएं हुई है.
वकीलों की है ये मांग
वकीलों से जुड़े प्रतिनिधियों का कहना है कि अब पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गया है कि वकीलों के खिलाफ हिंसा के अपराधों पर रोक लगाई जाए और ऐसे अपराधियों को दंडित किया जाए. साथ ही दिल्ली में ऐसे अपराधों का संज्ञान लेते हुए गैर-जमानती बनाने के लिए एक प्रभावी कानून बनाकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन वाले वकीलों की रक्षा करने की मांग की गई.
इसके आलावा दिल्ली में वकीलों के पेशे के अभ्यास की स्वतंत्रता का सम्मान, सुरक्षा और प्रचार सुनिश्चित करने की मांग की गई. इसके लिए समन्वय समिति ने हिंसा, हमले, अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ सुरक्षा, सामाजिक और शारीरिक सुरक्षा की तत्काल जरूरत और आवश्यकता महसूस की है. इसलिए समन्वय समिति लंबे समय से ‘दिल्ली एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट’ को तत्काल पारित करने की मांग उठती रही है.
यह एक्ट वकीलों को कोर्ट में उनकी सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा के बारे में बिना किसी डर और चिंता के अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करेगा. ‘द दिल्ली एडवोकेट्स (प्रोटेक्शन) बिल 2023’ का प्रारूप प्रस्तुत किए जाने के लिए तैयार है.
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