Delhi News: 'राइट ऑफ वे' को मिली एलजी की मंजूरी, दिल्ली में जल्द ही अधिसूचित होने की संभावना
दिल्ली में डिजिटलीकरण, टेलीफोनी और 5जी को सुचारु रूप से चलाने के लिए 'राइट ऑफ वे' नीति की अधिसूचना को मंजूरी दी गई है. 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही आरओडब्ल्यू को अधिसूचित किया है.
Delhi News: दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वी.के. सक्सेना ने भूमिगत और भूमि के ऊपर दूरसंचार बुनियादी ढांचे के लिए 'राइट ऑफ वे' (आरओडब्ल्यू) नीति की अधिसूचना को मंजूरी दे दी है. जो राष्ट्रीय राजधानी में डिजिटलीकरण, टेलीफोनी और 5जी के सुचारु रोल आउट के लिए महत्वपूर्ण है. एलजी सचिवालय के एक सूत्र ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी है.
एलजी और मुख्य सचिव ने अधिसूचना को दी मंजूरी
सूत्र ने कहा, यहां तक कि 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही अपनी संबंधित आरओडब्ल्यू नीति को अधिसूचित कर दिया है. राष्ट्रीय राजधानी को अभी तक इसे अधिसूचित नहीं किया गया है। हालांकि, दिल्ली के एलजी ने मुख्य सचिव द्वारा सीधे उन्हें दी गई अधिसूचना को मंजूरी दे दी है. भारतीय टेलीग्राफ नियम, 2016 का अनुपालन करते हुए राष्ट्रीय प्रसारण मिशन के कार्यान्वयन के लिए बुनियादी ढांचे अनिवार्य रूप से तैयार किए जाने हैं. यह नीति 2020 से आप सरकार और उसके मंत्रियों की ओर से व्यर्थ की राजनीति किए जाने के कारण अटकी हुई थी.
आरओडब्ल्यू नीति को बहुत पहले किया जाना था अधिसूचित
सूत्र के मुताबिक, आरओडब्ल्यू नीति को बहुत पहले अधिसूचित किया जाना चाहिए था, भारत सरकार द्वारा 2016 में भारतीय टेलीग्राफ नियमों को अधिसूचित करने के बाद आप सरकार ने अंतत: जनवरी 2020 में एक मसौदा नीति तैयार करने का निर्णय लिया. हालांकि, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जुलाई 2022 में शहरी विकास विभाग को नीति को अधिसूचित करने के लिए फाइल को इस टिप्पणी के साथ लौटा दिया था कि स्थानीय निकाय, प्रशासनिक प्राधिकरण, अधिकार क्षेत्र तय करने और अनुमति जारी करने की दृष्टि से प्राधिकरण अतिव्यापी और विरोधाभासी हैं. इस नीति की आवश्यकता को स्पष्ट रूप से परिभाषित करने की जरूरत है. सूत्र ने दावा किया कि सितंबर में जब फाइल फिर से उनके पास भेजी गई, तो सिसोदिया ने 'इसे लालफीताशाही में उलझा दिया और फाइल को फिर से जांच के लिए कानून विभाग को भेज दिया. इसके बाद जब कानून विभाग द्वारा विधिवत जांच की गई, तब फाइल 1 नवंबर को कानून मंत्री कैलाश गहलोत के माध्यम से सिसोदिया के पास आई, तो उन्होंने बिना कोई कारण बताए इसे फिर से शहरी विकास सचिव को वापस कर दिया. सूत्र के कहा कि यह विशेष रूप से संघ सूची का मामला है, इसलिए मुख्य सचिव ने फाइल सीधे एलजी के सामने रखी। इसकी जरूरत इसलिए है, क्योंकि टेलीग्राफ नियमों के तहत 5जी का रोल आउट अग्रिम चरणों में होना है और जल्द ही जी20 शिखर सम्मेलन भी होना है.
दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वी.के. सक्सेना ने भूमिगत और भूमि के ऊपर दूरसंचार बुनियादी ढांचे के लिए 'राइट ऑफ वे' (आरओडब्ल्यू) नीति की अधिसूचना को मंजूरी दे दी है. जो राष्ट्रीय राजधानी में डिजिटलीकरण, टेलीफोनी और 5जी के सुचारु रोल आउट के लिए महत्वपूर्ण है. एलजी सचिवालय के एक सूत्र ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी है.
एलजी और मुख्य सचिव ने अधिसूचना को दी मंजूरी
सूत्र ने कहा, यहां तक कि 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही अपनी संबंधित आरओडब्ल्यू नीति को अधिसूचित कर दिया है. राष्ट्रीय राजधानी को अभी तक इसे अधिसूचित नहीं किया गया है। हालांकि, दिल्ली के एलजी ने मुख्य सचिव द्वारा सीधे उन्हें दी गई अधिसूचना को मंजूरी दे दी है. भारतीय टेलीग्राफ नियम, 2016 का अनुपालन करते हुए राष्ट्रीय प्रसारण मिशन के कार्यान्वयन के लिए बुनियादी ढांचे अनिवार्य रूप से तैयार किए जाने हैं. यह नीति 2020 से आप सरकार और उसके मंत्रियों की ओर से व्यर्थ की राजनीति किए जाने के कारण अटकी हुई थी.
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