दिल्ली में BSES को बिजली सब्सिडी देने के मामले में अनियमितता का आरोप, उपराज्यपाल ने दिए जांच के आदेश
दिल्ली में BSES को बिजली सब्सिडी देने के मामले में अनियमितता का आरोप लगाया गया है. उपराज्यपाल के सचिवालय ने इस शिकायत के जांच करने के निर्देश दिए है.

Delhi Electricity Subsidy: केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Vinai Kumar Saxena) ने आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) सरकार द्वारा बीएसईएस डिस्कॉम को दी जाने वाली सब्सिडी में कथित 'अनियमितताओं' की जांच करने के लिए कहा है. उपराज्यपाल ने जांच की रिपोर्ट सात दिन में मांगी है.
उपराज्यपाल के सचिवालय ने मुख्य सचिव को 7 दिनों के भीतर जांच करने और एक रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है कि दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) 2018 के आदेश का पालन क्यों नहीं हो रहा है.
DERC इस आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की दिल्ली सरकार उपभोक्ताओं को डीबीटी के माध्यम से बिजली सब्सिडी दे. उपराज्यपाल ने सवाल उठाए हैं कि अब तक इस आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया?
शिकायतकर्ता ने लगाए ये आरोप
दरअसल, एलजी सचिवालय को बिजली सब्सिडी मामले में अनियमितता की शिकायत मिली है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता जैस्मीन शाह और दिल्ली डायलॉग कमीशन की उपाध्यक्ष और आप सांसद, एनडी गुप्ता के बेटे नवीन गुप्ता ने कथित तौर पर घोटाला किया है.
शिकायत में कहा गया है कि केजरीवाल सरकार ने निजी DISCOMS, BSES राजधानी पावर लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में डायरेक्टर की नियुक्ति की. BRPL और BSES यमुना पावर लिमिटेड (BYPL), अनिल अंबानी समूह की कंपनी है. इन निजी DISCOMS में दिल्ली सरकार की 49% हिस्सेदारी है.
दिल्ली में राज्य सरकार उपभोक्ताओं को एक तय यूनिट तक फ्री बिजली उपलब्ध कराती है. तय सीमा तक उपभोग की गई बिजली की कीमत, सरकार सीधे कंपनी को अदा करती है.
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