Delhi News: उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में ‘गंभीर चूक’ को लेकर एक आईएएस समेत 11 अधिकारियों को निलंबित कर दिया. हालांकि, ‘आप’ सरकार ने पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल पर कुछ निजी कारोबारियों का‘विशेष पक्ष लेने’ का आरोप लगाया और इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की. सूत्रों ने बताया कि जिन अधिकारियों के खिलाफ निलंबन और बड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की मंजूरी दी गई उनमें राष्ट्रीय राजधानी के तत्कालीन आबकारी आयुक्त आरव गोपीकृष्ण (2012 बैच के एजीएमयूटी कैडर के आईएएस अधिकारी), उप आबकारी आयुक्त आनंद कुमार तिवारी, तीन तदर्थ डीएएनआईसीएस अधिकारी और दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग के छह अधिकारी शामिल हैं. 


उपराज्यपाल ने रिपोर्ट के आधार पर की कार्रवाई


सूत्रों के अनुसार, उपराज्यपाल ने आबकारी नीति के कार्यान्वयन में ‘संबंधित अधिकारियों की ओर से की गई कथित गंभीर चूक’ को देखते हुए निर्णय लिया है, जिसमें ‘निविदा को अंतिम रूप देने में अनियमितताएं और चुनिंदा विक्रेताओं को निविदा बाद लाभ प्रदान करना’ शामिल है. उपराज्यपाल सक्सेना ने सतर्कता निदेशालय (डीओवी) की ओर से दायर एक जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की है. गौरतलब है कि उपराज्यपाल ने आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश पहले ही कर दी है. दरअसल, 17 नवंबर 2021 को लागू की गई नयी आबकारी नीति के तहत 32 क्षेत्रों में विभाजित शहर की 849 शराब की दुकानों के लिए निजी फर्मों को खुदरा लाइसेंस जारी किए गए थे.


बैजल के बदले रुख पर सिसोदिया ने उठाए सवाल


शनिवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि बैजल ने अनधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानों को खोलने पर अपना रुख बदला, जिसकी वजह से दिल्ली सरकार को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. आरोपों पर फिलहाल बैजल की प्रतिक्रिया नहीं आई है. अरविंद केजरीवाल नीत सरकार ने जब नयी आबकारी नीति तैयार की, बैजल उस वक्त दिल्ली के उपराज्यपाल थे. यह नीति 17 नवंबर 2021 को लागू की गई थी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने अब इस नीति को वापस ले लिया है.


सरकार पुरानी आबकारी नीति के तहत एक सितंबर से शराब की दुकानों को खोलने की तैयारी कर रही है. आबकारी विभाग का भी प्रभार संभाल रहे सिसोदिया ने कहा, ‘‘नयी नीति के तहत अनधिकृत इलाकों समेत पूरी दिल्ली में 849 दुकान खोले जाने थे. उपराज्यपाल ने प्रस्ताव पर कोई आपत्ति नहीं जताई और उसे मंजूरी दे दी.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि हालांकि, 15 नवंबर को नीति लागू होने से दो दिन पहले बैजल ने अपना रुख बदल दिया और एक शर्त ले आए कि अनधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानों को खोलने के लिये दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की अनुमति आवश्यक होगी.


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उन्होंने कहा, ‘‘उपराज्यपाल के रुख में इस बदलाव के कारण अनधिकृत क्षेत्रों में दुकानें नहीं खुल सकीं और सरकार को हजारों करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ. दूसरी तरफ जो दुकानें खुलीं उन्हें काफी आमदनी हुई.’’ जांच के लिए सीबीआई निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल को पत्र लिखने वाले सिसोदिया ने कहा कि एजेंसी को इस बात की जांच करनी चाहिए कि बैजल ने रातों-रात आबकारी नीति में बदलाव क्यों किया और उनसे यह भी पूछा जाए कि उन्होंने किसके दबाव में कुछ शराब लाइसेंसधारकों को कथित रूप से वित्तीय लाभ दिया. 


अरविंद केजरीवाल नीत सरकार पर निशाना साधते हुए बीजेपी ने आरोप लगाया कि आप सरकार अपनी आबकारी नीति में अनियमितताओं से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है और बैजल को ‘बलि का बकरा’ के रूप में इस्तेमाल कर रही है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने पूछा कि सिसोदिया अब तक चुप क्यों रहे. उन्होंने दिल्ली सरकार द्वारा आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में कई अनियमितताओं का आरोप लगाया. 


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