Delhi LG Withdrawal Migrant Labourers Case: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Vinai Kumar Saxena) ने प्रवासी मजदूरों (Migrant Labourers) के खिलाफ कोरोना (Corona) महामारी के दौरान लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने के मामलों को वापस लेने को मंजूरी दे दी है. इस दौरान 164 से अधिक प्रवासियों के खिलाफ 25 मामले दर्ज थे. दिल्ली के एलजी ने यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के 9 जून 2022 के लिए एक फैसले को ध्यान में रखते हुए  लिया है. एलजी विनय सक्सेना ने दिल्ली पुलिस को इसी तरह के उन 10 मामलों में भी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है जिनमें 100 से अधिक प्रवासी श्रमिक शामिल हैं.


एक अधिकारी ने कहा कि उपराज्यपाल ने इस बात पर मानवीय एवं तार्किक दृष्टिकोण अपनाया कि इन गरीब प्रवासियों ने बिल्कुल विपरीत परिस्थितियों में ये उल्लंघन किये जो मामूली किस्म के हैं. उनका मानना है कि इस फैसले से वे ‘अनावश्यक उत्पीड़न एवं धक्के खाने से बचेंगे.’ उच्चतम न्यायालय के नौ जून के फैसले के आलोक में उपराज्यपाल ने इस बात को भी ध्यान में रखा कि महामारी के दौरान कई प्रवासियों की रोजी रोटी छिन गयी और वे अपनी बुनियादी जरूरतें पूरी करने एवं किराया देने की हालत में भी नहीं थे.


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आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 एवं अन्य अपराधों में प्रवासी श्रमिकों के विरूद्ध सड़कों पर कथित रूप से आने-जाने एवं लॉकडाउन पाबंदियों का उल्लंघन करने को लेकर 43 मामले दर्ज किये गये थे. इनमें से 18 का पहले ही निस्तारण कर दिया गया था, पंद्रह मामलों में आरोपपत्र दाखिल किये जा चुके थे, लेकिन उपराज्यपाल ने मुकदमा वापस लेने का आदेश दिया है. जिन 10 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किया जाना है, उपराज्यपाल ने उनमें भी दिल्ली पुलिस से क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.


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