Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Vinai Kumar Saxena) ने 5 अक्टूबर को फर्जी प्रमाण पत्र (Fake Certificate) के आधार पर नौकरी पाने वाले सात शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त (School Teachers Dismissed) कर दिया है. यह मामला सरकारी सहायता प्राप्त दिल्ली तमिल एजुकेशन एसोसिएशन (Tamil Education Association) में साल 2022 में कथित तौर पर फर्जी दस्तावेजों पर नियुक्त पाने वाले सात शिक्षकों से जुड़ा है. एलजी ने यह आदेश नियुक्ति में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद दिया. उन्होंने इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI Enquiry) से जांच के भी आदेश दिए हैं. 


सतर्कता निदेशालय की रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई


गुरुवार को जारी बयान में कहा गया कि एजली विनय कुमार सक्सेना (Delhi LG Vinai Kumar Saxena) ने पिछले 10 साल में सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में भर्ती के रिकॉर्ड की जांच करने और इन स्कूलों में नियुक्ति प्रक्रिया का अध्ययन करने के लिए एक समिति गठित करने के लिए भी कहा है. इसमें कहा गया है कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना की यह कार्रवाई दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय (Delhi Vigilance Directorate) की सिफारिश पर आई है, जिसमें फर्जी नियुक्तियों में शिक्षा विभाग और स्कूल प्रबंधन के बीच कथित ‘‘मिलीभगत’’ पाई गई थी. इस मामले में शिक्षा विभाग (Education Department) और तमिल एजुकेशन एसोसिएशन से संबंधित स्कूल प्रबंधन की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया उपलब्ध नहीं हो सकी है.


अब होगी इसकी CBI जांच


राजभवन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सात टीजीटी और पीजीटी शिक्षकों को बर्खास्त करते हुए एलजी ने कथित तौर पर जाली दस्तावेजों के इस्तेमाल के जरिए दिल्ली सरकार द्वारा सहायता प्राप्त स्कूल में उनकी नियुक्ति की सीबीआई जांच के लिए सतर्कता विभाग की सिफारिश को मंजूरी दी है. सीबीआई जांच रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में आगे की कार्रवाई होगी. 


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