दिल्ली के स्कूलों में प्रिंसिपल के 244 पदों पर जल्द शुरू होंगी भर्तियां, एलजी ने दी मंजूरी
Delhi School Principals Recruitment: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इससे पहले इस साल फरवरी में सरकारी स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के 126 पदों के पुनरुद्धार को मंजूरी दी थी.
Delhi News: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना (Vinai Saxena) ने राजधानी के सरकारी स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के 244 अतिरिक्त पदों के सृजन को मंजूरी दी है. इससे पहले एलजी ने इस साल फरवरी में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के 126 पदों के पुनरुद्धार को मंजूरी दी थी और शिक्षा विभाग से अतिरिक्त पदों के सृजन के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा था.
गौरतलब है कि एलजी विनय कुमार सक्सेना ने इससे पहले 19 अप्रैल को विज्ञान भवन में 1500 लोगों को नियुक्ति पत्र बांटे थे. इस दौरान उन्होंने कहा था कि 1500 लोगों को नियुक्ति पत्र मिल रहे हैं. इन 1500 परिवारों को सशक्त किया गया है. जिन लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपा गया, उनमें से 861 शिक्षा विभाग के थे, जिनमें 324 स्कूल प्रधानाध्यापक शामिल थे. वहीं दिल्ली अग्निशमन सेवा को 500 नई नियुक्तियां मिलीं.
एलजी ने पीएम मोदी को दिया था धन्यवाद
सक्सेना ने कहा था कि इस मौके पर प्रधानमंत्री का धन्यवाद करना चाहता हूं. 10 महीने पहले जब LG का पद संभाला और प्रधानमंत्री से मिलने गया तो उन्होंने पूछा कि दिल्ली के किन-किन विभागों में कितने-कितने पद खाली हैं, उस वक्त 35000 वेकेंसीज थी. 10 महीनों में हम 15000 लोगों को स्थाई नौकरी देने में सफल हुए हैं. एलजी ने कहा था कि हमारी कोशिश रही कि ट्रांसपेरेंट तरीके से नियुक्तियां हो, हम इसमें सफल हुए. बीते फरवरी में ऐसे ही एक कार्यक्रम में 1200 लोगों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे.
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने साधा था निशाना
वहीं एलजी के कार्यालय ने कहा था कि सरकार ने लंबे समय से लंबित रिक्तियों के बावजूद उसे भरने के लिए कभी कोई मांग नहीं की थी. वे हमेशा प्रक्रियाओं, नियमावली और अदालती आदेशों के घोर उल्लंघन में 1,000 कर्मचारियों को अनुबंध पर नियुक्त करके तदर्थवाद को प्राथमिकता देते थे. उन्होंने स्थायी नियुक्तियों की मांग करने के बजाय स्थायी पदों के खिलाफ नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को तैनात किया. इस पर दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि नई नियुक्तियां साबित करती हैं कि केंद्र इसे सालों से रोक रही थी.
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