Delhi Mayor Election: अभी तक नहीं हुई MCD पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति, फिर LG और दिल्ली सरकार आमने-सामने
MCD Mayor Chunav News: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने तीन दिन पहले ट्विटकर बताया था कि मैंने वरिष्ठ पार्षद मुकेश गोयल को पीठासीन अधिकारी बनाने के लिए प्रस्ताव एलजी के पास भेजा है.
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MCD Mayor Election: दिल्ली में पिछले वित्तीय वर्ष की समाप्ति के साथ ही एमसीडी के मेयर का कार्यकाल भी समाप्त हो गया. निवर्तमान मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय अगले मेयर के नाम की घोषणा तक मेयर के पद पर बनी रहेंगी. आगामी 26 अप्रैल को फिर से मेयर का चुनाव होना है, जिसमें आप ने वर्तमान मेयर और डिप्टी मेयर पर भरोसा जताते हुए एक बार फिर से उनके नाम पर ही मोहर लगाई है. सत्ताधारी पार्टी आप ने अपने निवर्तमान मेयर और डिप्टी मेयर को भी इस बार मैदान में उतारा है. दोनों की जीत भी लगभग तय मानी जा रही है, लेकिन आगामी चुनाव में एक बार फिर से पीठासीन अधिकारी के नाम को लेकर दिल्ली सरकार और एलजी आमने सामने आ गए हैं. यह स्थिति अभी तक पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति न होने की वजह से उत्पन्न हुई है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के नेता और एमसीडी के सबसे वरिष्ठ पार्षद मुकेश गोयल को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने की अनुशंसा एलजी से की थी. एमसीडी अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति के लिए जो फाइल भेजी थी, उसमें किसी का नाम शामिल नहीं था और एलजी से ही नाम तय करके पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति करने का अनुरोध किया था. मगर अब दिल्ली सरकार ने फाइल पर नाम प्रस्तावित कर दिया है और अब उस पर एलजी की मंजूरी मिलनी बाकी है. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि एलजी इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हैं या फिर कोई नया नाम प्रस्तावित करते हैं.
पिछली बार गोयल की दावेदारी इसलिए कर दिया था रिजेक्ट
इससे पहले 22 फरवरी को हुए मेयर चुनाव के लिए जब दिल्ली सरकार ने पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति करने के लिए 5 नामों का प्रस्ताव एलजी को भेजा था, तो उसमें भी मुकेश गोयल का नाम सबसे ऊपर था. तब एलजी ने गोयल पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का हवाला देते हुए उन्हें पीठासीन अधिकारी बनाने से इनकार कर दिया था. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अब जब दिल्ली सरकार ने फिर से गोयल को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का प्रस्ताव भेजा है, तो एलजी उसे मंजूरी देते हैं कि नहीं. इस मामले में एलजी ऑफिस से इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने तीन दिन पहले ट्विटकर बताया था कि 'महापौर का चुनाव 26 अप्रैल को होना है. पिछली परंपरा के अनुसार मैंने मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव सम्पन्न कराने के दौरान सदन के संचालन के लिए पीठासीन अधिकारी के रूप में सबसे वरिष्ठ पार्षद मुकेश गोयल के नाम को मंजूरी दी है. इसकी फाइल मैंने, एलजी को भेजी है. अगर वह असहमति की स्थिति में इस मामले को राष्ट्रपति को रेफर करने का निर्णय नहीं लेते हैं, तो फिर वह इसे मानने के लिए बाध्य हैं.'
पीठासीन अधिकारी नियुक्ति का अधिकार सिर्फ एलजी को
वहीं, दिल्ली बीजेपी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के ट्वीट पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को संवैधानिक व्यवस्थाओं की जानकारी ही नहीं है. बीजेपी का कहना है कि पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार सिर्फ एलजी को है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि मुख्यमंत्री संवैधानिक मामलों में भी दिल्ली के लोगों को गुमराह कर रहे हैं. एमसीडी के संशोधित एक्ट 2022 में यह साफ किया गया है कि मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार ऐडमिनिस्ट्रेटर को है. एमसीडी के ऐडमिनिस्ट्रेटर एलजी हैं. ऐसे में अगामी मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार भी उन्हें को हासिल है.
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